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Saturday 28 December 2019

संसदीय समितियां



संसदीय समितियां


1.आधुनिक युग में संसद को न केवल विभिन्‍न और जटि‍ल प्रकार का, बल्‍कि मात्रा में भी अत्‍यधिक कार्य करना पड़ता है। संसद के पास इस कार्य को नि‍पटाने के लि‍ए सीमित समय होता है। इसलिए संसद उन सभी विधायी तथा अन्‍य मामलों पर, जो उसके समक्ष आते हैं, गहराई के साथ विचार नहीं कर सकती। अत: संसद का बहुत सा काम सभा की समितियों द्वारा निपटाया जाता है, जिन्‍हें संसदीय समितियां कहते हैं। संसदीय समिति से तात्‍पर्य उस समिति से है, जो सभा द्वारा नियुक्‍त या निर्वाचित की जाती है अथवा अध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित की जाती है और अध्‍यक्ष के निदेशानुसार कार्य करती है तथा अपना प्रतिवेदन सभा को या अध्‍यक्ष को प्रस्‍तुत करती है और समिति का सचिवालय लोक सभा सचिवालय द्वारा उपलब्‍घ कराया जाता है।
2.अपनी प्रकृति के अनुसार संसदीय समितियां दो प्रकार की होती हैं: स्‍थायी समितियां और तदर्थ समितियां। स्‍थायी समितियां स्‍थायी एवं नियमित समितियां हैं जिनका गठन समय-समय पर संसद के अधिनियम के उपबंधों अथवा लोक सभा के प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियम के अनुसरण में किया जाता है। इन समितियों का कार्य अनवरत प्रकृति का होता है। वित्‍तीय समितियां, विभागों से संबद्ध स्‍थायी समितियां (डीआरएससी) तथा कुछ अन्‍य समितियां स्‍थायी समितियों की श्रेणी के अंतर्गत आती हैं। तदर्थ समितियां किसी विशिष्‍ट प्रयोजन के लिए नियुक्‍त की जाती हैं और जब वे अपना काम समाप्‍त कर लेती हैं तथा अपना प्रतिवेदन प्रस्‍तुत कर देती हैं, तब उनका अस्‍तित्‍व समाप्‍त हो जाता है। प्रमुख तदर्थ समितियां विधेयकों संबंधी प्रवर तथा संयुक्‍त समितियां हैं। रेल अभिसमय समिति, संसद भवन परिसर में खाद्य प्रबंधन संबंधी संयुक्‍त समिति इत्‍यादि‍ भी तदर्थ समितियों की श्रेणी में आती हैं।
3. मोटे तौर पर संसदीय समितियों के नि‍म्‍नलि‍खि‍त श्रेणियों में रखा जाता है:
(क) वित्‍तीय समितियां,
(ख) विभागों से संबद्ध स्‍थायी समितियां,
(ग) अन्‍य संसदीय स्‍थायी समितियां, तथा
(घ) तदर्थ समितियां।
4. संसदीय समितियों की सदस्‍यता तथा इनके कार्यकाल नीचे दर्शाए गए हैं:
क.वित्तीय समितियां
क्र.सं.समिति का नामसदस्‍यों की संख्‍याकार्यकालसदस्‍य नामनिर्देशित अथवा निर्वाचित
1.प्राक्‍कलन समिति301 वर्षलोक सभा द्वारा निर्वाचित
2.लोक लेखा समिति22 (15 लोक सभा + 7 राज्‍य सभा)1 वर्षदोनों सदनों द्वारा निर्वाचित
3.सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति22 (15 लोक सभा + 7 राज्‍य सभा)1 वर्षदोनों सदनों द्वारा निर्वाचित

ख. विभागों से संबद्ध स्‍थायी समितियां
विभागों से संबद्ध स्‍थायी समितियों की संख्‍या 24 है जिनके क्षेत्राधिकार में भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग आते हैं। इनमें से प्रत्‍येक समिति में 31 सदस्‍य होते हैं - 21 लोक सभा से तथा 10 राज्‍य सभा से जिन्‍हें क्रमश: लोक सभा के अध्‍यक्ष तथा राज्‍य सभा के सभापति द्वारा नाम-निर्दिष्‍ट किया जाता है। इन समितियों का कार्यकाल एक वर्ष से अनधिक होगा। 24 समितियों के नाम निम्‍नांकित हैं:-
1.वाणिज्‍य संबंधी समिति
2.गृह कार्य संबंधी समिति
3.मानव संसाधन विकास संबंधी समिति
4.उद्योग संबंधी समिति
5.विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी समिति
6.परिवहन, पर्यटन और संस्‍कृति संबंधी समिति
7.स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण संबंधी समिति
8.कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्‍याय संबंधी समिति
9.कृषि संबंधी समिति
10.सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति
11.रक्षा संबंधी समिति
12.ऊर्जा संबंधी समिति
13.विदेशी मामलों संबंधी समिति
14.वित्त संबंधी समिति
15.खाद्य, नागरिक पूर्ति और सार्वजनिक वितरण संबंधी समिति
16.श्रम संबंधी समिति
17.पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस संबंधी समिति
18.रेल संबंधी समिति
19.शहरी विकास संबंधी समिति
20.जल संसाधन संबंधी समिति
21.रसायन और उर्वरक संबंधी समिति
22.ग्रामीण विकास संबंधी समिति
23.कोयला और इस्‍पात संबंधी समिति
24.सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता संबंधी समिति
इन 24 समितियों में से 8 समितियों (क्रम सं. 1 से 8) को राज्‍य सभा सचिवालय द्वारा सेवा प्रदान की जाती है तथा 16 समितियों (क्रम सं. 9 से 24) को लोक सभा सचिवालय द्वारा सेवा प्रदान की जाती है।
ग. अन्‍य स्‍थायी समितियां
क्र.सं.समिति का नामसदस्‍य संख्‍याकार्यकालसदस्‍य नामांकित अथवा निर्वाचित
1.कार्य मंत्रणा समिति15नियत नहीं। पुनर्गठन किए जाने तक बनी रहेगी।अध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित
2.विशेषाधिकार समिति15नियत नहीं। पुनर्गठन किए जाने तक बनी रहेगी।तदैव
3.सभा की बैठकों से सदस्‍यों की अनुपस्‍थिति संबंधी समिति151 वर्षतदैव
4.महिलाओं को शक्‍तियां प्रदान करने संबंधी समिति30(20 लोक सभा+10 राज्‍य सभा)1 वर्षअध्‍यक्ष, लोक सभा तथा सभापति, राज्‍य सभा द्वारा नामनिर्देशित
5.सरकारी आश्‍वासनों संबंधी समिति151 वर्षअध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित
6.सभा पटल पर रखे गए पत्रों संबंधी समिति151 वर्षतदैव
7.याचिका समिति15नियत नहीं। पुनर्गठन किए जाने तक बनी रहेगी।तदैव
8.गैर-सरकारी सदस्‍यों के विधेयकों तथा संकल्‍पों संबंधी समिति151 वर्षतदैव
9.अधीनस्‍थ विधान संबंधी समिति151 वर्षतदैव
10.सामान्‍य प्रयोजना समितिनियत नहीं।नियत नहीं।सदस्‍यता पदेन होती है।
11.आवास समिति121 वर्षअध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित
12.लाभ के पदों संबंधी संयुक्‍त समिति15 (10 लोक सभा+5 राज्‍य सभा)लोक सभा के कार्यकाल के लिएदोनों सदनों द्वारा निर्वाचित
13.संसद सदस्‍यों के वेतन तथा भत्‍तों संबंधी संयुक्‍त समिति15 (10 लोक सभा+5 राज्‍य सभा)1 वर्षअध्‍यक्ष, लोक सभा तथा सभापति, राज्‍य सभा द्वारा नामनिर्देशित
14.ग्रंथालय समिति9(6 लोक सभा+3 राज्‍य सभा)तदैव
15.नियम समिति15नियत नहीं। पुनर्गठन किए जाने तक बनी रहेगी।अध्‍यक्ष द्वारा नामनिर्देशित
16.अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के कल्‍याण संबंधी समिति30(20 लोक सभा+10 राज्‍य सभा)1 वर्षदोनों सदनों द्वारा निर्वाचित

घ.तदर्थ समितियां
क्र.सं.समिति का नामसदस्‍य संख्‍याकार्यकालसदस्‍य नामांकित अथवा निर्वाचित
1.रेल अभिसमय समिति18(12 लोक सभा+6 राज्‍य सभा)एक लोक सभा की अवधि के लिएअध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित
2.संसद सदस्‍यों तथा लोक सभा सचिवालय के अधिकारियों को कंप्‍यूटर उपलब्‍ध कराने संबंधी समिति16एक लोक सभा की अवधि के लिएतदैव
3.संसद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना समिति241 वर्षतदैव
4.आचार समिति15नियत नहीं। पुनर्गठन किए जाने तक बनी रहेगी।तदैव
5.संसद भवन परिसर में खाद्य प्रबंधन संबंधी समिति15(10 लोक सभा+5 राज्‍य सभा)1 वर्षअध्‍यक्ष, लोक सभा तथा सभापति, राज्‍य सभा द्वारा नामनिर्देशित
6.संसद भवन परिसर में राष्‍ट्रीय नेताओं और संसदविदों की मूर्तिया/तस्‍वीर लगाने संबंधी समिति10(7 लोक सभा+3 राज्‍य सभा)एक लोक सभा की अवधि के दौरानतदैव
7.संसद भवन परिसर में सुरक्षा संबंधी संयुक्‍त समिति10(7 लोक सभा+3 राज्‍य सभा)1 वर्षतदैव
8.लाभ के पद संबंधित सांविधानिक और विधिक स्‍थिति की जांच करने संबंधी समिति15प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किए जाने तक।तदैव
9.लोक सभा के सदस्‍यों के कदाचार की जांच करने संबंधी समिति11नियत नहींअध्‍यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित

कोई भी मंत्री वित्‍तीय समितियों, विभाग से सम्‍बद्ध स्‍थायी समितियों तथा (1) महिलाओं को शक्‍तियों प्रदान करने संबंधी समिति (2) सरकारी आवश्‍वासनों संबंधी समिति (3) याचिका समिति (4) अधीनस्‍थ विधान संबंधी समिति (5) अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के कल्‍याण संबंधी समिति में निर्वाचित अथवा नाम-निर्देशित किए जाने के लिए पात्र नहीं है।
समितियों के कार्य की सामान्‍य प्रक्रिया लोक सभा के प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियम के सामान्‍य नियम सं. 253 से 286, संसदीय समितियों के संबंध में अध्‍यक्ष के निदेशों के सामान्‍य निदेश सं. 48 से 73क, समिति विशेष के आंतरिक नियमों तथा अन्‍य संबंधित संसदीय अभिसमय तथा प्रथाओं द्वारा अभिशासित होती हैं।
समिति के कार्य
(1)   प्राक्‍कलन समिति
(क) प्राक्‍कलनों से संबंधित नीति से संगत क्‍या मितव्‍ययता, संगठन में सुधार, कार्यकुशलता या प्रशासनिक सुधार किए जा सकते हैं इस संबंध में प्रतिवेदित करना;
(ख) प्रशासन में कार्यकुशलता और मितव्‍ययता लाने के लिए वैकल्‍पिक नीतियों का सुझाव देना;
(ग) प्राक्‍कलनों में अंतर्निहित नीति की सीमा में रहते हुए धन ठीक ढंग से लगाया गया है या नहीं इसकी जांच करना; और
(घ) प्राक्‍कलन कि‍स रूप में संसद में प्रस्‍तुत किए जाएंगे इसका सुझाव देना। समिति ऐसे सरकारी उपक्रमों के संबंध में, जो सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति को इन नियमों द्वारा अथवा अध्‍यक्ष द्वारा सौंपे गए हों, अपने कृत्‍यों का निर्वहन नहीं करती है।
(2)   लोक लेखा समिति
भारत सरकार के व्‍यय को वहन करने के लिए संसद द्वारा अनुदत राशियों का विनियोग दिखाने वाले लेखाओं के विवरण, भारत सरकार के वार्षिक वित्त लेखाओं और सभा के सामने रखे गए ऐसे अन्‍य लेखाओं, जिन्‍हें समिति ठीक समझे, की जांच। भारत सरकार के विनियोग लेखे और उन पर नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन की छान-बीन करते समय समिति को यह सुनिश्‍चित करना होगा:-
(क) कि लेखाओं में व्‍यय के रूप में दिखाया गया धन उस सेवा या प्रयोजन के लिए विधिवत उपलब्‍ध और लगाए जाने योग्‍य था जिसमें यह लगाया गया है या पारित किया गया है;
(ख) कि व्‍यय उस प्राधिकार के अनुसार है जिसके वह अधीन है;
(ग) कि प्रत्‍येक पुनर्विनियोग सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्मित नियमों के अंतर्गत इस संबंध में किए गए उपबंधों के अनुसार किया गया है।
समिति का यह भी कर्तव्‍य होगा
(क) कि वह राज्‍य निगमों, व्‍यापारिक और विनिर्माण योजनाओं, संस्‍थाओं एवं परियोजनाओं के आय और व्‍यय को दर्शाने वाले लेखाओं के विवरण तथा लाभ और हानि लेखाओं के तुलनपत्रों और विवरणों की, जिसे राष्‍ट्रपति ने तैयार करने की अपेक्षा की हो अथवा जिन्‍हें विशेष निगम, व्‍यापारिक या विनिर्माण योजना या संस्‍था या परियोजना के वित्तपोषण को विनियमित करने वाले सांविधिक नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत तैयार किया जाता हो, और उन पर नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन की जांच करे।
(ख) कि वह स्‍वायत्त और अर्द्धस्‍वायत्त निकायों के आय और व्‍यय को दर्शाने वाले लेखाओं के विवरण तथा भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा, या तो राष्‍ट्रपति के निर्देशों अथवा संसद की संविधि के अंतर्गत, की जानेवाली लेखापरीक्षा की जांच करें; और
(ग) कि वह उन मामलों में नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन पर विचार करे जहां राष्‍ट्रपति ने किन्‍हीं प्राप्‍तियों की लेखापरीक्षा करवाने अथवा भंडारों की लेखाओं की जाचं करवाने की अपेक्षा की हो।
(3)   सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति
(क) लोक सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम की चतुर्थ अनुसूची में उल्‍लिखित सरकारी उपक्रमों के प्रतिवेदनों और लेखाओं की जांच;
(ख) यदि सरकारी उपक्रमों के बारे में भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक की कोई रिपोर्ट हो तो उसकी जांच करना;
(ग) सरकारी उपक्रमों की स्‍वायत्तता और कार्यकुशलता के संदर्भ में; यह जांच करना कि क्‍या सरकारी उपक्रमों के कार्य समुचित व्‍यापार सिद्धांतों और विवेकपूर्ण वाणिज्‍यिक प्रथाओं के अनुरूप चल रहे हैं; और
(घ) सरकारी उपक्रमों से संबंधित अन्‍य ऐसे कार्य करना जो लोक लेखा समिति और प्राक्‍कलन समिति में निहित हों और जो उपर्युक्‍त खंडों (क), (ख) और (ग) में सम्‍मिलित न हों तथा जिन्‍हें अध्‍यक्ष द्वारा समय-समय पर समिति को आवंटित किया जाए।
(4)   विभागों से सम्‍बद्ध स्‍थायी समितियां
13वीं लोक सभा तक, प्रत्‍येक स्‍थायी समिति में 45 से अनधिक सदस्‍य होते थे जिनमें 30 सदस्‍य लोक सभा अध्‍यक्ष द्वारा लोक सभा से तथा 15 सदस्‍य राज्‍य सभा के सभापति द्वारा राज्‍य सभा से मनोनीत किए जाते थे। तथापि जुलाई 2004 में विभागों से सम्‍बद्ध स्‍थायी समितियों का पुनर्गठन किए जाने के समय से ऐसी प्रत्‍येक समिति में 31 सदस्‍य होते हैं जिनमें 21 सदस्‍य लोक सभा से और 10 सदस्‍य राज्‍य सभा से होते हैं।इन समितियों के क्षेत्राधिकार में आनेवाले मंत्रालयों/विभागों के संदर्भ में, इनके कृत्‍य इस प्रकार होंगे:-

(क) अनुदानों की मांगों पर विचार करना:
(ख) ऐसे विधेयकों की जांच करना जो सभापति, राज्‍य सभा अथवा अध्‍यक्ष, लोक सभा द्वारा, यथास्‍थिति, सौंपे गए हों;
(ग) वार्षिक प्रतिवेदनों पर विचार करना; और
(घ) सभा में प्रस्‍तुत राष्‍ट्रीय आधारभूत दीर्घावधि नीति संबंधी दस्‍तावेजों, जो राज्‍य सभा के सभापति या लोक सभा के अध्‍यक्ष द्वारा, समिति को सौंपे गए हों, जो भी मामला हो, पर विचार करना।

ये समितियां संबंधित मंत्रालयों/विभागों के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन के मामलों पर विचार नहीं करतीं। विभागों से सबंद्ध स्‍थायी समिति प्रणाली, प्रशासन पर संसदीय निगरानी का अभूतपूर्व प्रयास है। इनके कार्यकरण का केंद्र बिंदु होती हैं- कार्यपालिका के क्रियाकलापों की दिशा तय करने वाली दीर्घावधि की योजनाएं, नीतियां, ये समितियां व्‍यापक नीति निर्माण तथा कार्यपालिका द्वारा दीर्घावधि के राष्‍ट्रीय परिप्रेक्ष्‍य की प्राप्‍ति हेतु आवश्‍यक दिशा, मार्गदर्शन तथा जानकारी प्रचार कर रही हैं।
(5)   कार्य मंत्रणा समिति
यह सिफारिश करना कि सरकार के उन विधायी तथा अन्‍य कार्यों पर, जिसे अध्‍यक्ष, सभा के नेता के परामर्श से समिति को सौंपने का निर्देश दे, चर्चा करने के लिए कितना समय नियत किया जाए। समिति स्‍वयं भी सरकार से सिफारिश करती है कि वह विषय विशेष सभा में चर्चा के लिए प्रस्‍तुत करे और ऐसी चर्चाओं के लिए समय नियत करने की सिफारिश कर सकती है।
(6)   विशेषाधिकार समिति
सभा अथवा उसके किसी सदस्‍य अथवा किसी समिति के सदस्‍य के विशेषाधिकार के भंग किए जाने से संबंधित प्रत्‍येक प्रश्‍न की जांच करना, जो उसे सभा अथवा अध्‍यक्ष द्वारा सौंपा जाए। प्रत्‍येक मामले के तथ्‍यों को ध्‍यान में रखते हुए इस बात का निश्‍चय करना कि क्‍या विशेषाधिकार को भंग किया गया है और अपने प्रतिवेदन में इस संबंध में उपयुक्‍त सिफारिश करना।
(7)   सभा की बैठकों से सदस्‍यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति
सभा की बैठकों से अनुपस्‍थिति की अनुमति प्राप्‍त करने के लिए सदस्‍यों के सभी प्रार्थना-पत्रों पर विचार करना और ऐसे प्रत्‍येक मामले की जांच करना, जिसमें कोई सदस्‍य 60 दिन या इससे अधिक समय तक बिना अनुमति के सभा की बैठकों में अनुपस्‍थित रहा हो।
(8)   महिलाओं को शक्‍तियां प्रदान करने संबंधी समिति
(क) राष्‍ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदनों पर विचार करना और इस बात की सूचना देना कि संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों सहित केंद्रीय सरकार के अधिकार-क्षेत्र में आने वाले मामलों के संबंध में महिलाओं की स्‍थिति/दशा सुधारने के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा क्‍या उपाय किए जाने चाहिए;
(ख) महिलाओं को सभी मामलों में समानता, उचित दर्जा और प्रतिष्‍ठा दिलाने हेतु केंद्रीय सरकार द्वारा किए गए उपायों की जांच करना;
(ग) महिलाओं के लिए व्‍यापक शिक्षा तथा विधायी निकायों/सेवाओं और अन्‍य क्षेत्रों में उनके पर्याप्‍त प्रतिनिधित्‍व के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा किए गए उपायों की जांच करना;
(घ) महिलाओं के लिए कल्‍याण कार्यक्रमों के कार्यकरण के बारे में सूचित करना;
(ङ) समिति द्वारा प्रस्‍तावित उपायों पर केंद्रीय सरकार तथा संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा की गयी कार्यवाही के बारे में सूचित करना; और
(च) ऐसे अन्‍य मामलों की जांच करना, जो समिति को उपयुक्‍त लगे अथवा जो इसे सभा या अध्‍यक्ष द्वारा तथा राज्‍य सभा या राज्‍य सभा के सभापति द्वारा विशेष रूप से भेजे जाएं।
(9)   महिलाओं को शक्‍तियां प्रदान करने संबंधी समिति
मंत्रियों द्वारा समय-समय पर दिए गए आश्‍वासनों, वचनों और किए गए प्रतिज्ञानों आदि की जांच करना और उनके बारे में प्रतिवेदन देना कि इस प्रकार के आश्‍वासन आदि कहां तक क्रियान्‍वित किए गए हैं और यह भी देखना कि क्‍या उन्‍हें इस प्रयोजन के लिए अपेक्षित कम से कम समय में क्रियान्‍वित किया गया है।
(10)   महिलाओं को शक्‍तियां प्रदान करने संबंधी समिति
मंत्रियों द्वारा सभा पटल पर रखे गए सभी पत्रों (उन पत्रों को छोड़कर जो अधीनस्‍थ विधान संबंधी समिति अथवा किसी अन्‍य संसदीय समिति के कार्य-क्षेत्र के अंतर्गत आते हों) की जांच करना और सभा को यह प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करना कि
(क) क्‍या संविधान, अधिनियम, नियम अथवा विनियम के उन उपबंधों का पालन हुआ है, जिनके अधीन वह पत्र सभा पटल पर रखा गया है;
(ख) क्‍या पत्र को सभा पटल पर रखने में कोई अनुचित विलंब हुआ है;
(ग) यदि ऐसा विलंब हुआ है तो क्‍या उक्‍त विलंब के कारणों को स्‍पष्‍ट करने वाला विवरण भी सभा पटल पर रखा गया है तथा क्‍या वे कारण संतोषजनक हैं;
(घ) क्‍या उस पत्र के हिन्‍दी तथा अंग्रेजी दोनों संस्‍करण सभा पटल पर रखे गए हैं;
(ङ) क्‍या हिन्‍दी संस्‍करण सभा पटल पर न रखने के कारणों को स्‍पष्‍ट करने वाला विवरण सभा पटल पर रखा गया है, तथा क्‍या वे कारण संतोषजनक हैं; और
(च) सभा पटल पर रखे गए पत्रों संबंधी ऐसे अन्‍य कार्य भी करना, जो अध्‍यक्ष द्वारा समय-समय पर इस समिति को सौंपे जाएंगे।
(11)   याचिका समिति
सभा को प्रस्‍तुत की गयी याचिकाओं पर विचार करना और प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करना। विभिन्‍न व्‍यक्‍तियों, संस्‍थाओं आदि के उन अभ्‍यावेदनों, जो याचिका संबंधी नियमों के अंतर्गत नहीं आते हैं, पर भी विचार करना और उन्‍हें निपटाने के लिए निदेश देना।
(12)   गैर-सरकारी सदस्‍यों के विधेयकों तथा संकल्‍पों संबंधी समिति
गैर-सरकारी सदस्‍यों के विधेयकों तथा संकल्‍पों के लिए समय नियत करना, संविधान में संशोधन करने वाले गैर-सरकारी सदस्‍यों के विधेयकों की लोक सभा में उनको पेश किए जाने से पहले जांच करना और गैर-सरकारी सदस्‍यों के ऐसे विधेयकों, जिनमें सभा की विधायी क्षमता को चुनौती दी गयी हो, की भी जांच करना।
(13)   अधीनस्‍थ विधान संबंधी समिति
इस बात की जांच करना और सभा को प्रतिवेदन देना कि क्‍या विनियम, नियम, उपनियम, उपविधि आदि बनाने के लिए संविधान द्वारा प्रदत्त अथवा संसद द्वारा प्रत्‍यायोजित शक्‍तियों का प्रयोग कार्यपालिका द्वारा उस प्रत्‍यायोजन के अंतर्गत समुचित रूप से किया जा रहा है।
(14)   सामान्‍य प्रयोजनों संबंधी समिति
अध्‍यक्ष को सभा के कार्यों से संबंधित उन मामलों के बारे में सलाह देना, जो उसे अध्‍यक्ष द्वारा समय-समय पर सौंपे जाते हैं।
(15)   आवास समिति
लोक सभा के सदस्‍यों के आवास से संबंधित सभी प्रश्‍नों पर विचार करना तथा दिल्‍ली में सदस्‍यों के निवास स्‍थानों तथा होस्‍टलों में उपलब्‍ध करायी गयी आवास, खाद्य, चिकित्‍सा सहायता आदि संबंधी सुविधाओं तथा अन्‍य सुख-सुविधाओं की देख-रेख करना।
(16)   लाभ के पदों संबंधी संयुक्‍त समिति
केंद्र सरकार तथा राज्‍य सरकारों द्वारा नियुक्‍त समितियों के गठन और स्‍वरूप की जांच करना और यह सिफारिश करना कि कोई व्‍यक्‍ति संसद की किसी एक सभा का सदस्‍य चुने जाने तथा उसका सदस्‍य बने रहने के लिए संविधान के अनुच्‍छेद 102 के अंतर्गत किन पदों को धारण करने से ‘अनर्ह’ होना चाहिए और किन पदों को धारण करने से ‘अनर्ह’ नहीं होना चाहिए। संसद (निरर्हता निवारण) अधिनियम, 1959 की अनुसूची की भी समय-समय पर जांच करना और उक्‍त अनुसूची में कोई परिवर्द्धन अथवा लोप करके या अन्‍यथा किन्‍हीं संशोधनों की सिफारिश करना।
(17)   संसद सदस्‍यों के वेतन तथा भत्‍ते संबंधी संयुक्‍त समिति
केंद्र सरकार के परामर्श से दोनों सदनों के सदस्‍यों को यात्रा और दैनिक भत्‍ते, चिकित्‍सा, आवास, टेलीफोन, डाक, पानी, बिजली, निर्वाचन क्षेत्र संबंधी तथा सचिवालयीय सुविधाएं आदि देने के बारे में नियम बनाना।
(18)   ग्रंथालय समिति
ग्रंथालय से संबंधित ऐसे मामलों पर विचार करना तथा सलाह देना जो अध्‍यक्ष द्वारा समय-समय पर इसे भेजे जाए। ग्रंथालय में सुधार हेतु सुझावों पर विचार भी करना तथा ग्रंथालय द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं का सभा के दोनों सदनों के सदस्‍यों द्वारा पूरी तरह उपयोग करने के लिए सदस्‍यों की सहायता करना।
(19)   नियम समिति
लोक सभा में प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियमों पर विचार करना तथा इन नियमों में ऐसे संशोधनों तथा परि‍वर्धनों की सिफारिश करना जो आवश्‍यक समझे जाएं।
(20)   अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के कल्‍याण संबंधी समिति
(क) संविधान के अनु. 338(5)(घ) तथा 338क (5) (घ) के अंतर्गत (राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग) द्वारा पेश किए गए प्रतिवेदनों पर विचार करना और संघ सरकार, जिसमें संघ राज्‍य क्षेत्रों के प्रशासन भी शामिल हैं, के क्षेत्राधिकार के अंदर आने वाले मामलों के बारे में संघ सरकार द्वारा किए जाने वाले उपायों को प्रतिवेदित करना;
(ख) समिति द्वारा प्रस्‍तावित उपायों पर संघ सरकार और संघ राज्‍य क्षेत्रों के प्रशासनों द्वारा की गयी कार्यवाही प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करना;
(ग) अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का विधिवत प्रतिनिधित्‍व सुनिश्‍चित करने के लिए अनु. 335 के उपबंधों को दृष्‍टि में रखते हुए संघ सरकार के नियंत्रणाधीन सेवाओं तथा पदों में (जिनमें सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों, संविहित और अर्द्ध सरकारी निकायों तथा संघ-राज्‍य क्षेत्रों में नियुक्‍तियां भी शामिल हैं) संघ सरकार द्वारा किए गए उपायों पर विचार करना;
(घ) संघ राज्य क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के कल्‍याण संबंधी कार्यक्रमों के कार्यकरण के बारे में प्रतिवेदन करना; और
(ङ) ऐसे अन्‍य मामलों पर विचार करना जो समिति उचित समझे या जो सदन अथवा अध्‍यक्ष द्वारा उसे विशेष रूप से निर्दिष्‍ट किए जाएं।
(21)   रेल अभिसमय समिति
रेल उपक्रम द्वारा सामान्‍य राजस्‍व से देय लाभांश की दर तथा सामान्‍य वित्त की तुलना में रेल वित्त से संबंधित अन्‍य अनुषंगी मामलों की पुनरीक्षा करती है और उन पर सिफारिशें देती हैं। यह रेल की विभिन्‍न निधियों जैसे कि मूल्‍यह़ास आरक्षित निधि, विकास निधि, पूंजीगत निधि, पेंशन निधि आदि के विनियोजन के लिए भी सुझाव देती है। सभा या अध्‍यक्ष समिति को रेल या रेल वित्त से संबंधित लोक महत्‍व के तदर्थ मामले भी भेज सकता है। 1949, 1954, 1960 तथा 1965 की रेल अभिसमय समितियों ने अगले पांच वर्षों के दौरान रेलवे द्वारा देय लाभांश की दर निर्धारित करने के विषय तक ही अपने आपको सीमित रखा। 1971 से रेलवे द्वारा सामान्‍य राजस्‍व को देय लाभांश की दर की सिफारिश करने के अलावा, रेल अभिसमय समितियां ऐसे विषयों की उनकी जांच के लिए तथा उन पर प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने के लिए भी लेती आयी हैं जिनका रेलवे तथा रेल वित्त के कार्यचालन पर प्रभाव होता है।
(22)   संसद सदस्‍यों तथा लोक सभा सचिवालय के अधिकारियों हेतु कंप्‍यूटर का प्रावधान करने वाली समिति
सदस्‍यों को कंप्‍यूटर की आपूर्ति करने के संबंध में अध्‍यक्ष को सलाह देना।
(23)   संसद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना संबंधी समिति
(क) संसद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना (लोक सभा) का कार्यनिष्‍पादन तथा क्रियान्‍वयन में आ रही समस्‍याओं की सावधिक निगरानी तथा पुनरीक्षा;
(ख) योजना के संबंध में लोक सभा के सदस्‍यों की शिकायतों पर विचार करना; तथा संसद सदस्‍य स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना के संबंध में ऐसे कार्य करना जो इसे समय-समय पर अध्‍यक्ष द्वारा दिए जाए।
(24)   आचार संबंधी समिति
(क) सदस्‍यों के नैतिक तथा सदाचार व्‍यवहार की निगरानी रखना;
(ख) सदस्‍य के अनैतिक व्‍यवहार के संबंध में अथवा उसके संसदीय व्‍यवहार से संबंधित की गयी प्रत्‍येक शिकायत की जांच करना तथा उपयुक्‍त समझी जाने वाली सिफारिशें करना;
(ग) ऐसे नियम बनाना जो यह विनिर्दिष्‍ट करते हों कि अनैतिक आचार क्‍या है।

समिति जहां भी आवश्‍यक समझे, सदस्‍य के अनैतिक व्‍यवहार से संबंधित मामलों सहित आचार संबंधी मामलों पर स्‍वप्रेरणा से विचार कर सकती है तथा उनकी जांच कर सकती हैं और उपयुक्‍त समझी जाने वाली सिफारिशें कर सकती है। इस समिति द्वारा सदस्‍य के अनैतिक व्‍यवहार की जांच करने के लिए वही प्रक्रिया अपनायी जाएगी जो सभा या सदस्‍य के विशेषाधिकार उल्‍लंघन से संबंधित किसी प्रश्‍न के बारे में अपनायी जाती है। सभा में प्रस्‍तुत विशेषाधिकार समिति के प्रतिवेदन पर विचार करने और सभा द्वारा ऐसे प्रतिवेदनों पर विचार करने की प्राथमिकता से संबंधित नियम 315 एवं 316 के उपबंध सभा में प्रस्‍तुत आचार समिति के प्रतिवेदनों पर भी आवश्‍यक परिवर्तनों सहित लागू होंगे।
(25)   संसद भवन परिसर में खाद्य प्रबंधन संबंधी समिति
(क) संसद भवन परिसर में स्‍थित रेलवे खान-पान इकाइयों द्वारा उपलब्‍ध कराए जाने वाले खाद्य पदार्थों की दरों में संशोधन;
(ख) संसद भवन परिसर में रेलवे खानपान इकाई चलाने के लिए दी जाने वाली राजसहायता;
(ग) सदस्‍यों को उत्‍कृष्‍ट कैंटीन सेवा का प्रावधान तथा
(घ) अन्‍य संबंधित मुद्दों पर विचार करना।
(26)   राष्‍ट्रीय नेताओं तथा संसद सदस्‍यों की तस्‍वीर/प्रतिमा स्‍थापित किए जाने संबंधी समिति
(क) केंद्रीय कक्ष में, यदि जगह उपलब्‍ध है तथा यदि जगह उपलब्‍ध नहीं है तो संसद भवन परिसर में अन्‍य किसी स्‍थान पर राष्‍ट्रीय नेताओं/संसद सदस्‍यों की तस्‍वीर लगाए जाने के प्रस्‍ताव पर;
(ख) संसद भवन तथा संसद भवन परिसर के किसी अन्‍य भाग में राष्‍ट्रीय नेताओं/संसद सदस्‍यों की प्रतिमाओं के बारे में;
(ग) बाहरी संगठनों तथा व्‍यक्‍तियों से तस्‍वीर तथा प्रतिमा की स्‍वीकृति के बारे में;
(घ) जिन स्‍थानों पर तस्‍वीर तथा प्रतिमाएं लगायी जा सकती हैं; उनके बारे में; और
(ङ) अन्‍य कोई कदम उठाए जाने के बारे में जिससे कि संसद भवन परिसर और अधिक आकर्षक तथा दर्शनीय लगे, के बारे में निर्णय करना।
(27)   संसद भवन परिसर में सुरक्षा संबंधी समिति
(क) संसद भवन परिसर में, विशेषकर 13वीं लोक सभा के दौरान संयुक्‍त संसदीय समिति द्वारा की गयी सिफारिशों के संदर्भ में सुरक्षा उपकरण स्‍थापित करने से संबंधित कार्य की प्रगति की समीक्षा
(ख) विचार करने/निर्णय लेने के लिए लंबित सुरक्षा पहलुओं पर विचार करना; तथा
(ग) संसद की सुरक्षा के संबंध में एक व्‍यापक प्रतिवेदन तैयार करना जिसमें संभावि‍त खतरों तथा भविष्‍य के संभावित परिदृश्‍य के मद्देनजर उनसे निपटने के लिए कदम उठाए गए हों।
(28)   लाभ के पद से संबंधित संवैधानिक और कानूनी स्‍थिति की जांच करने संबंधी समिति
यह समिति लोक सभा सदस्‍यों के कदाचार ओर उनके द्वारा संसदीय विशेषाधिकार और सुविधाओं का दुरूपयोग करने के मामलों, जिनके बारे में लोक सभा अध्‍यक्ष से समय-समय पर मामले प्राप्‍त होते हैं, की जांच करती है और प्रत्‍येक मामले में, यदि कोई हो, तो कार्यवाही की सिफारिश करती है और इसे अध्‍यक्ष को प्रस्‍तुत करती है। साथ ही, यदि समिति उपयुक्‍त समझती है तो इस बात पर भी गौर करती है कि किसी सदस्‍य के किन-किन कृत्‍यों को कदाचार माना जाए और ऐसे कदाचार के मामलों में की जाने वाले कार्यवाही के बारे में उचित सिफारिश करती है।
(29)   लोक सभा सदस्‍यों के कदाचार की जांच समिति संबंधी समिति
यह समिति लोक सभा सदस्‍यों के कदाचार और उनके द्वारा संसदीय विशेषाधिकार और सुविधाओं का दुरूपयोग करने के मामलों, जिनके बारे में लोक सभा अध्‍यक्ष से समय-समय पर मामले प्राप्‍त होते हैं, की जांच करती है और प्रत्‍येक मामले में, यदि कोई हो, तो कार्यवाही की सिफारिश करती हैं और इसे अध्‍यक्ष को प्रस्‍तुत करती है। साथ ही, यदि समिति उपयुक्‍त समझती है तो इस बात पर भी गौर करती है कि किसी सदस्‍य के किन-किन कृत्‍यों को कदाचार माना जाए और ऐसे कदाचार के मामलों में की जाने वाले कार्यवाही के बारे में उचित सिफारिश करती है। समिति विधि के सुस्‍थापित सिद्धांतों और नैसर्गिक न्‍याय के अनुरूप अपनी स्‍वयं की प्रक्रिया अपनाने के लिए प्राधिकृत है। समिति, आम तौर पर अध्‍यक्ष द्वारा किसी मामले को भेजे जाने के एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने का प्रयास करती है।

Thursday 10 October 2019

Article of Indian constitution in hindi

भारतीय संविधान के अनुच्छेद (Article of Indian Constitution in Hindi)



भाग I: संघ और उसका राज्‍य क्षेत्र 

अनुच्‍छेदविवरण
1संघ का नाम और राज्‍य क्षेत्र
2नए राज्‍यों का प्रवेश या स्‍थापना
2क[निरसन]
3नए राज्‍यों का निर्माण और वर्तमान राज्‍यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
4पहली अनुसूची और चौथी अनुसूचियों के संशोधन तथा अनुपूरक, और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्‍छेद 2 और अनुच्‍छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां

भाग II: नागरिकता 

अनुच्‍छेदविवरण
5संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
6पाकिस्‍तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्‍यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
7पाकिस्‍तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्‍यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
8भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्‍यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
9विदेशी राज्‍य की नागरिकता, स्‍वेच्‍छा से अर्जित करने वाले व्‍यक्तियों का नागरिक न होना
10नागरिकता के अधिकारों को बना रहना
11संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना


भाग III: मूल अधिकार

साधारण
अनुच्‍छेदविवरण
12परिभाषा
13मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्‍पीकरण करने वाली विधियां
समता का अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
14विधि के समक्ष समानता
15धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्‍म स्‍थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
16लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
17अस्‍पृश्‍यता का अंत
18उपाधियों का अंत
स्‍वतंत्रता का अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
19वाक-स्‍वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
20अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
21प्राण और दैहिक स्‍वतंत्रता का संरक्षण
22कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
शोषण के विरुद्ध अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
23मानव और दुर्व्‍यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
24कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
धर्म की स्‍वतंत्रता का अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
25अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्‍वतंत्रता
26धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्‍वतंत्रता
27किसी विशिष्‍ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्‍वतंत्रता
28कुल शिक्षा संस्‍थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्‍वतंत्रता
संस्‍कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
29अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
30शिक्षा संस्‍थाओं की स्‍थापना और प्रशासन करने का अल्‍पसंख्‍यक-वर्गों का अधिकार
31[निरसन]
कुछ विधियों की व्‍यावृत्ति
अनुच्‍छेदविवरण
31कसंपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति
31खकुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्‍यकरण
31गकुछ निदेशक तत्‍वों को प्रभाव करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति
31घ[निरसन]
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
32इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
32A[निरसन]
33इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति
34जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्‍धन
35इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने का विधान


भाग IV: राज्‍य की नीति के निदेशक तत्‍व

अनुच्‍छेदविवरण
36परिभाषा
37इस भाग में अंतर्विष्‍ट तत्‍वों का लागू होना
38राज्‍य लोक कल्‍याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्‍यवस्‍था बनाएगा
39राज्‍य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्‍व
39कसमान न्‍याय और नि:शुल्‍क विधिक सहायता
40ग्राम पंचायतों का संगठन
41कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
42काम की न्‍यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
43कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
43कउद्योगों के प्रबंध में कार्मकारों का भाग लेना
44नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता
45बालकों के लिए नि:शुल्‍क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध
46अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्‍य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि
47पोषाहार स्‍तर और जीवन स्‍तर को ऊंचा करने तथा लोक स्‍वास्‍थ्‍य को सुधार करने का राज्‍य का कर्तव्‍य
48कृषि और पशुपालन का संगठन
48कपर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन और वन तथा वन्‍य जीवों की रक्षा
49राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍मारकों, स्‍थानों और वस्‍तुओं का संरक्षण
50कार्यपालिका से न्‍यायपालिका का पृथक्‍करण
51अंतरराष्‍ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि


भाग IVक: मूल कर्तव्‍य 

अनुच्‍छेदविवरण
51Aमूल कर्तव्‍य


भाग V: संघ 

अध्‍याय I. कार्यपालिका
राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति
अनुच्‍छेदविवरण
52भारत के राष्‍ट्रपति
53संघ की कार्यपालिका शक्ति
54राष्‍टप्रति का निर्वाचन
55राष्‍ट्रपति के निर्वाचन की रीति
56राष्‍ट्रपति की पदावधि
57पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
58राष्‍ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं
59राष्‍टप्रति के पद के लिए शर्तें
60राष्‍ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
61राष्‍ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रकिया
62राष्‍ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्‍यक्ति की पदावधि
63भारत का उप राष्‍ट्रपति
64उप राष्‍ट्रपति का राज्‍य सभा का पदेन सभापति होना
65राष्‍ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उप राष्‍टप्रति का राष्‍ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्‍यों का निर्वहन
66उप राष्‍ट्रपति का निर्वाचन
67उप राष्‍ट्रपति की पदावधि
68उप राष्‍ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्‍यक्ति की पदावधि
69उप राष्‍ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
70अन्‍य आकस्मिकताओं में राष्‍ट्रपति के कृत्‍यों का निर्वहन
71राष्‍ट्रपति या उप राष्‍ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्‍त विषयत
72क्षमता आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्‍ट्रपति की शक्ति
73संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्‍तार
मंत्रि-परिषद
अनुच्‍छेदविवरण
74राष्‍ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद
75मंत्रियों के बारे में अन्‍य उपबंध
भारत का महान्‍यायवादी
अनुच्‍छेदविवरण
76भारत का महान्‍यायवादी
सरकारी कार्य का संचालन
अनुच्‍छेदविवरण
77भारत सरकार के कार्य का संचालन
78राष्‍ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्‍य

अध्‍याय II. संसद
साधारण
अनुच्‍छेदविवरण
79संसद का गठन
80राज्‍य सभा की संरचना
81लोक सभा की संरचना
82प्रत्‍येक जनगणना के पश्‍चात पुन: समायोजन
83संसद के सदनों की अवधि
84संसद की सदस्‍यता के लिए अर्हता
85संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
86सदनों के अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्‍टप्रति का अधिकार
87राष्‍ट्रपति का विशेष अभिभाषण
88सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्‍यायवादी के अधिकार
संसद के अधिकारी
अनुच्‍छेदविवरण
89राज्‍य सभा का सभापति और उप सभापति
90उप सभापति का पद रिक्‍त होना, पदत्‍याग और पद से हटाया जाना
91सभापति के पद के कर्तव्‍यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्‍य व्‍यक्ति की शक्ति
92जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्‍प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
93लोक सभा और अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष
94अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष का पद रिक्‍त होना, पद त्‍याग और पद से हटाया जाना
95अध्‍यक्ष के पद के कर्तव्‍यों को पालन करने या अध्‍यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्‍यक्ष या अन्‍य व्‍यक्ति की शक्ति
96जब अध्‍यक्ष या उपाध्‍यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्‍प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
97सभापति और उप सभापति तथा अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष के वेतन और भत्ते
98संसद का सचिवालय
कार्य संचालन
अनुच्‍छेदविवरण
99सदस्‍यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
100सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्‍यों की निरर्हताएं
अनुच्‍छेदविवरण
101स्‍थानों का रिक्‍त होना
102सदस्‍यता के लिए निरर्हताएं
103सदस्‍यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्‍नों पर विनिश्‍चय
104अनुच्‍छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
संसद और उसके सदस्‍यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्‍मुक्तियां
अनुच्‍छेदविवरण
105संसद के सदनों की तथा उनके सदस्‍यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
106सदस्‍यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
अनुच्‍छेदविवरण
107विधेयकों के पुर: स्‍थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपलबंध
108कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्‍त बैठक
109धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
110"धन विधेयक" की परिभाषा
111विधेयकों पर अनुमति
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
अनुच्‍छेदविवरण
112वार्षिक वित्तीय विवरण
113संसद में प्राक्‍कलनों के संबंध में प्रक्रिया
114विनियोग विधेयक
115अनुपूरक, अतिरिक्‍त या अधिक अनुदान
116लेखानुदान, प्रत्‍ययानुदान और अपवादानुदान
117वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
अनुच्‍छेदविवरण
118प्रक्रिया के नियम
119संसद में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
120संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा
121संसद में चर्चा पर निर्बंधन
122न्‍यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना

अध्‍याय III. राष्‍ट्रपति की विधायी शक्तियां
अनुच्‍छेदविवरण
123संसद के विश्रांतिकाल में अध्‍यादेश प्रख्‍यापित करने की राष्‍ट्रपति की शक्ति

अध्‍याय IV. संघ की न्‍यायपालिका
अनुच्‍छेदविवरण
124उच्‍चतम न्‍यायालय की स्‍थापना और गठन
125न्‍यायाधीशों के वेतन आदि
126कार्यकारी मुख्‍य न्‍यायमूर्ति की नियुक्ति
127तदर्थ न्‍यायाधीशों की नियुक्ति
128उच्‍चतम न्‍यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्‍यायाधीशों की उपस्थिति
129उच्‍चतम न्‍यायालय का अभिलेख न्‍यायालय होना
130उच्‍चतम न्‍यायालय का स्‍थान
131उच्‍चतम न्‍यायालय की आरंभिक अधिकारिता
131क[निरसन]
132कुछ मामलों में उच्‍च न्‍यायालयों से अपीलों में उच्‍चतम न्‍यायालय की अपीली अधिकारिता
133उच्‍च न्‍यायालयों में सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्‍चतम न्‍यायालय की अपीली अधिकारिता
134दांडिक विषयों में उच्‍चतम न्‍यायालय की अपीली अधिकारिता
134कउच्‍चतम न्‍यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र
135विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्‍यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा प्रयोक्‍तव्‍य होना
136अपील के लिए उच्‍चतम न्‍यायालय की विशेष इजाजत
137निर्णयों या आदेशों का उच्‍चतम न्‍यायालयों द्वारा पुनर्विलोकन
138उच्‍चतम न्‍यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
139कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्‍चतम न्‍यायालय को प्रदत्त किया जाना
139ककुछ मामलों का अंतरण
140उच्‍चतम न्‍यायालय की आनुषंगिक शक्तिया
141उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्‍यायालयों पर आबद्धकर होना
142उच्‍चतम न्‍यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
143उच्‍चतम न्‍यायालय से परामर्श करने की राष्‍ट्रपति की शक्ति
144सिविल और न्‍यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्‍चतम न्‍यायालय
144क[निरसन]
145न्‍यायालय के नियम आदि
146उच्‍चतम न्‍यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्‍यय
147निर्वचन

अध्‍याय V. भारत के नियंत्रक-महा लेखापरीक्षक
अनुच्‍छेदविवरण
148भारत का नियंत्रक - महा लेखापरीक्षक
149नियंत्रक महा लेखापरीक्षक के कर्तव्‍य और शक्तियां
150संघ के और राज्‍यों के लेखाओं का प्ररूप
151संपरीक्षा प्रतिवेदन

भाग VI: राज्‍य


अध्‍याय I. साधारण
अनुच्‍छेदविवरण
152परिभाषा

अध्‍याय II. कार्यपालिका
राज्‍यपाल
अनुच्‍छेदविवरण
153राज्‍यों के राज्‍यपाल
154राज्‍य की कार्यपालिका शक्ति
155राज्‍यपाल की नियुक्ति
156राज्‍य की पदावधि
157राज्‍यपाल के पद के लिए शर्तें
158राज्‍यपाल के पद के लिए शर्तें
159राज्‍यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
160कुछ आकस्मिकताओं में राज्‍यपाल के कृत्‍यों का निर्वहन
161क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्‍यपाल की शक्ति
162राज्‍य की कार्यपालिका शक्ति का विस्‍तार
मंत्रि परिषद
अनुच्‍छेदविवरण
163राज्‍यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि परिषद
164मंत्रियों के बारे में अन्‍य उपबंध
राज्‍य का महाविधवक्‍ता
अनुच्‍छेदविवरण
165राज्‍य का महाधिवक्‍ता
सरकारी कार्य का संचालन
अनुच्‍छेदविवरण
166राज्‍य की सरकार के कार्य का संचालन
167राज्‍यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्‍यमंत्री के कर्तव्‍य

अध्‍याय III. राज्‍य का विधान मंडल
साधारण
अनुच्‍छेदविवरण
168राज्‍यों के विधान - मंडलों का गठन
169राज्‍यों में विधान परिषदों का उत्‍सादन या सृजन
170विधान सभाओं की संरचना
171विधान परिषदों की संरचना
172राज्‍यों के विधान-मंडलों की अवधि
173राज्‍य के विधान-मंडल की सदस्‍यता के लिए अर्हता
174राज्‍य के विधान-मंडल के सत्र, सत्रावहसान और विघटन
175सदन और सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्‍यपाल का अधिकार
176राज्‍यपाल का विशेष अभिभाषण
177सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्‍ता के अधिकार
राज्‍य के विधान-मंडल के अधिकारी
अनुच्‍छेदविवरण
178विधान सभा का अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष
179अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष का पद रिक्‍त होना, पदत्‍याग और पद से हटाया जाना
180अध्‍यक्ष के पद के कर्तव्‍यों का पालन करने या अध्‍यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्‍यक्ष या अन्‍य व्‍यक्ति की शाक्ति
181जब अध्‍यक्ष या उपाध्‍यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्‍प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
182विधान परिषद का सभापति और उप सभापति
183सभापति और उप सभापति का पद रिक्‍त होना, पदत्‍याग और पद से हटाया जाना
184सभापति के पद के कर्तव्‍यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्‍य व्‍यक्ति की शक्ति
185जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्‍प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
186अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष तथ सभापति और उप सभापति के वेतन और भत्ते
187राज्‍य के विधान मंडल का सचिवालय
कार्य संचालन
अनुच्‍छेदविवरण
188सदस्‍यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
189सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
सदस्‍यों की निरर्हताएं
अनुच्‍छेदविवरण
190स्‍थानों का रिक्‍त होना
191सदस्‍यता के लिए निरर्हताएं
192सदस्‍यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्‍नों पर विनिश्‍चय
193अनुच्‍छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
राज्‍यों के विधान-मंडलों और उनके सदस्‍यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्‍मुक्तियां
अनुच्‍छेदविवरण
194विधान-मंडलों के सदनों की तथा सदस्‍यों और समितियों की शक्तियां, विशेषधिकार आदि
195सदस्‍यों के वेतन और भत्ते
विधायी प्रक्रिया
अनुच्‍छेदविवरण
196विधेयकों के पुर: स्‍थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
197धन विधेयकों से भिन्‍न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बंधन
198धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
199"धन विधेयक" की परिभाषा
200विधेयकों पर अनुमति
201विचार के लिए आरक्षित विधेयक
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया
अनुच्‍छेदविवरण
202वार्षिक वित्तीय विवरण
203विधान-मंडल में प्राक्‍कलनों के संबंध में प्रक्रिया
204विनियोग विधेयक
205अनुपूरक, अतिरिक्‍त या अधिक अनुदान
206लेखानुदान, प्रत्‍ययानुदान और अपवादानुदान
207वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
साधारणतया प्रक्रिया
अनुच्‍छेदविवरण
208प्रक्रिया के नियम
209राज्‍य के विधान-मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
210विधान मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
211विधान-मंडल में चर्चा पर निर्बंधन
212न्‍यायालयों द्वारा विधन मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना

अध्‍याय IV. राज्‍यपाल की विधायी शाक्ति
अनुच्‍छेदविवरण
213विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्‍यादेश प्रख्‍याति करने की राज्‍यपाल की शक्ति

अध्‍याय V. राज्‍यों के उच्‍च न्‍यायालय
अनुच्‍छेदविवरण
214राज्‍यों के लिए उच्‍च न्‍यायालय
215उच्‍च न्‍यायालयों का अभिलेख न्‍यायालय होना
216उच्‍च न्‍यायालयों का गठन
217उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
218उच्‍चतम न्‍यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्‍च न्‍यायालयों का लागू होना
219उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
220स्‍थायी न्‍यायाधीश रहने के पश्‍चात विधि-व्‍यवसाय पर निर्बंधन
221न्‍यायाधीशों के वेतन आदि
222किसी न्‍यायाधीश का एक उच्‍च न्‍यायालय से दूसरे उच्‍च न्‍यायालय को अंतरण
223कार्यकारी मुख्‍य न्‍यायमूर्ति की नियुक्ति
224अपर और कार्यकारी न्‍यायाधीशों की नियुक्ति
224कउच्‍च न्‍यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्‍यायाधीशों की नियुक्ति
225विद्यमान उच्‍च न्‍यायालयों की अधिकारिता
226कुछ रिट निकालने की उच्‍च न्‍यायालय की शक्ति
226क[निरसन]
227सभी न्‍यायालयों के अधीक्षण की उच्‍च न्‍यायालय की शक्ति
228कुछ मामलों का उच्‍च न्‍यायालय को अंतरण
228क[निरसन]
229उच्‍च न्‍यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्‍यय
230उच्‍च न्‍यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्‍य क्षेत्रों पर विस्‍तार
231दो या अधिक राज्‍यों के लिए एक ही उच्‍च न्‍यायालय की स्‍थापना

अध्‍याय VI. अधीनस्‍थ न्‍यायालय
अनुच्‍छेदविवरण
233जिला न्‍यायाधीशों की नियुक्ति
233ककुछ जिला न्‍यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्‍यकरण
234न्‍यायिक सेवा में जिला न्‍यायाधीशों से भिन्‍न व्‍यक्तियों की भर्ती
235अधीनस्‍थ न्‍यायालयों पर नियंत्रण
236निर्वचन
237कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्‍ट्रेटों पर इस अध्‍याय के उपबंधों का लागू होना


भाग VII: पहली अनुसूची के भाग ख के राज्‍य 

अनुच्‍छेदविवरण
238[निरसन]

भाग VIII: संघ राज्‍य क्षेत्र 

अनुच्‍छेदविवरण
239संघ राज्‍यक्षेत्रों का प्रशासन
239ककुछ संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए स्‍थानीय विधान मंडलों या मं‍त्रि-परिषदों का या दोनों का सृजन
239कदिल्‍ली के संबंध में विशेष उपबंध
239ककसांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
239कखविधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्‍यादेश प्रख्‍यापित करने की प्रशासक की शक्ति
240कुछ संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्‍ट्रपति की शक्ति
241संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए उच्‍च न्‍यायालय
242[निरसन]

भाग IX: पंचायत 

अनुच्‍छेदविवरण
243परिभाषाएं
243कग्राम सभा
243खपंचायतों का गठन
243गपंचायतों की संरचना
243घस्‍थानों का आरक्षण
243डपंचायतों की अवधि, आदि
243चसदस्‍यता के लिए निरर्हताएं
243छपंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्‍व
243जपंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां
243-झवित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
243ञपंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
243टपंचायतों के लिए निर्वाचन
243ठसंघ राज्‍य क्षेत्रों को लागू होना
243डइस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू नह होना
243ढविद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
243-णनिर्वाचन संबंधी मामलों में न्‍यायालयों के हस्‍तक्षेप का वर्जन

भाग IX क: नगरपालिकाएं 

अनुच्‍छेदविवरण
243तपरिभाषाएं
243थनगरपालिकाओं का गठन
243दनगरपालिकाओं की संरचना
243धवार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना
243नस्‍थानों का आरक्षण
243पनगरपालिकाओं की अवधि, आदि
243फसदस्‍यता के लिए निरर्हताएं
243बनगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्‍व
243भनगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां
243मवित्त आयोग
243यनगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
243यकनगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन
243यखसंघ राज्‍यक्षेत्रों को लागू होना
243यगइस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
243यघजिला योजना के लिए समिति
243यडमहानगर योजना के लिए समिति
243यचविद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
243यछनिर्वाचन संबंधी मामलों में न्‍यायालयों के हस्‍तक्षेप का वर्जन

भाग X: अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र 

अनुच्‍छेदविवरण
244अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन.
244कअसम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्‍ट करने वाला एक स्‍वशासी राज्‍य बनाना और उसके लिए स्‍थानीय विधान मंडल या मंत्रि परिषद का या दोनों का सृजन.

भाग XI: संघ और राज्‍यों के बीच संबंध 


अध्‍याय I. विधायी संबंध
विधायी शक्तियों का वितरण
अनुच्‍छेदविवरण
245संसद द्वारा राज्‍यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्‍तार.
246संसद द्वारा और राज्‍य के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषयवस्‍तु.
247कुछ अतिरिक्‍त न्‍यायालयों की स्‍थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति.
248अवशिष्‍ट विधायी शक्तियां.
249राज्‍य सूची में के विषय के संबंध में राष्‍ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति.
250यदि आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्‍य सूची में के विषय के संबंध में विधि.
251संसद द्वारा अनुच्‍छेद 249 और अनुच्‍छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्‍यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति.
252दो या अधिक राज्‍यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्‍य राज्‍य द्वारा अंगीकार किया जाना.
253अंतरराष्‍ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान.
254संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्‍यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति.
255सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना.

अध्‍याय II. प्रशासनिक संबंध
साधारण
अनुच्‍छेदविवरण
256राज्‍यों की ओर संघ की बाध्‍यता.
257कुछ दशाओं में राज्‍यों पर संघ का नियंत्रण.
257क[निरसन]
258कुछ दशाओं में राज्‍यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति.
258कसंघ को कृत्‍य सौंपने की राज्‍यों की शक्ति.
259[निरसन]
260भारत के बाहर के राज्‍य क्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता.
261सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्‍यायिक कार्यवाहियां.
जल संबंधी विवाद
अनुच्‍छेदविवरण
262अंतरराज्यिक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्‍यायनिर्णयन.
राज्‍यों के बीच समन्‍वय
अनुच्‍छेदविवरण
263अंतरराज्‍य परिषद के संबंध में उपबंध.


भाग XII: वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद 


अध्‍याय I. वित्त
साधारण
अनुच्‍छेदविवरण
264विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना.
265विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना.
266भारत और राज्‍यों के संचित निधियां और लोक लेखे.
267आकस्मिकता निधि.
संघ और राज्‍यों के बीच राजस्‍वों का‍ वितरण
अनुच्‍छेदविवरण
268संघ द्वारा उदगृहीत किए जाने वाले किन्‍तु राज्‍यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्‍क.
269संघ द्वारा उदगृहीत और संगृहीत किन्‍तु राज्‍यों को सौंपे जाने वाले कर.
270उदगृहीत कर और उनका संघ तथा राज्‍यों के बीच वितरण.
271कुछ शुल्‍कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार.
272[निरसन]
273जूट पर और जूट उत्‍पादों का निर्यात शुल्‍क के स्‍थान पर अनुदान.
274ऐसे कराधान पर जिसमें राज्‍य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्‍ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा.
275कुछ राज्‍यों को संघ अनुदान.
276वृत्तियों, व्‍यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर.
277व्‍यावृत्ति.
278[निरसन]
279"शुद्ध आगम", आदि की गणना.
280वित्त आयोग.
281वित्त आयोग की सिफारिशें.
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध
अनुच्‍छेदविवरण
282संघ या राज्‍य द्वारा अपने राजस्‍व के लिए जाने वाले व्‍यय.
283संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि.
284लोक सेवकों और न्‍यायालयों द्वारा प्राप्‍त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्‍य धनराशियों की अभिरक्षा.
285संघ और संपत्ति को राजय के कराधान से छूट.
286माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन.
287विद्युत पर करों से छूट.
288जल या विद्युत के संबंध में राज्‍यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट.
289राज्‍यों की संपत्ति और आय को संघ और कराधार से छूट.
290कुछ व्‍ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन.
290ककुछ देवस्‍वम निधियों की वार्षिक संदाय.
291[निरसन]

अध्‍याय II. उधार लेना
अनुच्‍छेदविवरण
292भारत सरकार द्वारा उधार लेना.
293राज्‍यों द्वारा उधार लेना.

अध्‍याय III. संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्‍व, बाध्‍यताएं और वाद
अनुच्‍छेदविवरण
294कुछ दशाओं में संपत्ति, अ‍ास्तियों, अधिकारों, दायित्‍वों और बाध्‍यताओं का उत्तराधिकार.
295अन्‍य दशाओं में संपत्ति, अ‍ास्तियों, अधिकारों, दायित्‍वों और बाध्‍यताओं का उत्तराधिकार.
296राजगामी या व्‍यपगत या स्‍वामीवि‍हीन होने से प्रोदभूत संपत्ति.
297राज्‍य क्षेत्रीय सागर खण्‍ड या महाद्वीपीय मग्‍नतट भूमि में स्थित मूल्‍यवान चीजों और अनन्‍य आर्थिक क्षेत्र संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना.
298व्‍यापार करने आदि की शक्ति.
299संविदाएं.
300वाद और कार्यवाहियां.

अध्‍याय IV. संपत्ति का अधिकार
अनुच्‍छेदविवरण
300कविधि के प्राधिकार के बिना व्‍यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना.

भाग XIII: भारत के राज्‍य क्षेत्र के भीतर व्‍यापार, वाणिज्‍य और समागम 

भारत के संघ राज्‍य क्षेत्र
अनुच्‍छेदविवरण
301व्‍यापार, वाणज्यि और समागम की स्‍वतंत्रता.
302व्‍यापार, वाणज्यि और समागम पर निर्बंधन अधिरोपित करने की संसद की शक्ति.
303व्‍यापार और वाणिज्‍य के संबंध में संघ और राज्‍यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन.
304राज्‍यों के बीच व्‍यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन.
305विद्यमान विधियों और राज्‍य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्‍यावृत्ति.
306[निरसन]
307अनुच्‍छेद 301 से अनुच्‍छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति.

भाग XIV: संघ और राज्‍यों के अधीन सेवाएं 


अध्‍याय I. सेवाएं
अनुच्‍छेदविवरण
308निर्वचन.
309संघ या राज्‍य की सेवा करने वाले व्‍यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें.
310संघ या राज्‍य की सेवा करने वाले व्‍यक्तियों की पदावधि.
311संघ या राज्‍य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्‍यक्तियों का पदच्‍युत किया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना.
312अखिल भारतीय सेवाएं.
312ककुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्‍हें प्रतिसंहृत करने की संसद की शक्ति.
313संक्रमण कालीन उपबंध.
314[निरसन]

अध्‍याय II.- लोक सेवा आयोग
अनुच्‍छेदविवरण
315संघ और राज्‍यों के लिए लोक सेवा आयोग.
316सदस्‍यों की नियुक्ति और पदावधि.
317लोक सेवा आयोग के किसी सदस्‍य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना.
318आयोग के सदस्‍यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति.
319आयोग के सदस्‍यों द्वारा ऐसे सदस्‍य न रहने पर पद धारण करने के सबंध में प्रतिषेध.
320लोक सेवा आयोगों के कृत्‍य.
321लोक सेवा आयोगों के कृत्‍यों का विस्‍तार करने की शक्ति.
322लोक सेवा आयोगों के व्‍यय.
323लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन.

भाग XIVक: अभिकरण 

अनुच्‍छेदविवरण
323कप्रशासनिक अधिकरण.
323खअन्‍य विषयों के लिए अधिकरण.

भाग XV: निर्वाचन 

अनुच्‍छेदविवरण
324निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना.
325धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्‍यक्ति का निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना.
326लोक सभा और राज्‍यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्‍क मताधिकार के आधार पर होना.
327विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति.
328किसी राज्‍य के विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान मंडल की शक्ति.
329निर्वाचन संबंधी मामलों में न्‍यायालयों के हस्‍तक्षेप का वर्जन.
329क[निरसन]

भाग XVI: कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध 

अनुच्‍छेदविवरण
330लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्‍थानों का आरक्षण.
331लोक सभा में आंग्‍ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्‍व.
332राज्‍यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्‍थानों का आरक्षण.
333राज्‍यों की विधान सभाओं में आंग्‍ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्‍व.
334स्‍थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्‍व का साठ वर्ष के पश्‍चात न रहना.
335सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे.
336कुछ सेवाओं में आंग्‍ल भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध.
337आंग्‍ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध.
338राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग.
338कराष्‍ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग.
339अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्‍याण के बारे में संघ का नियंत्रण.
340पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्‍वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति.
341अनुसूचित जातियां.
342अनुसूचित जनजातियां.


भाग XVII: राजभाषा 


अध्‍याय I. - संघ की भाषा
अनुच्‍छेदविवरण
343संघ की राजभाषा.
344राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति.

अध्‍याय II. प्रादेशिक भाषाएं
अनुच्‍छेदविवरण
345राज्‍य की राजभाषा या राजभाषाएं.
346एक राज्‍य और दूसरे राज्‍य के बीच या किसी राज्‍य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
347एक राज्‍य और दूसरे राज्‍य के बीच या किसी राज्‍य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.

अध्‍याय III. उच्‍चतम न्‍यायालय, उच्‍च न्‍यायालयों आदि की भाषा.
अनुच्‍छेदविवरण
348उच्‍चतम न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा.
349भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया.

अध्‍याय IV. विशेष निदेश
अनुच्‍छेदविवरण
350व्‍यथा के निवारण के लिए अभ्‍यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा.
350कप्राथमिक स्‍तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं.
350खभाषाई अल्‍पसंख्‍यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी.
351हिन्‍दी भाषा के विकास के लिए निदेश.

भाग XVIII: आपात उपबंध 

अनुच्‍छेदविवरण
352आपात की उदघोषणा.
353आपात की उदघोषणा का प्रभाव.
354जब आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्‍वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना.
355बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्‍य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्‍य.
356राज्‍यों सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध.
357अनुच्‍छेद 356 के अधीन की गई उदघोषणा के अधीन विधायी शाक्तियों का प्रयोग.
358आपात के दौरान अनुच्‍छेद 19 के उपबंधों का निलंबन.
359आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन.
359क[निरसन]
360वित्तीय आपात के बारे में उपबंध.

भाग XIX: प्रकीर्ण 

अनुच्‍छेदविवरण
361राष्‍ट्रपति और राज्‍यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण.
361कसंसद और राज्‍यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों की प्रकाशन का संरक्षण.
361खलाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता.
362[निरसन]
363कुछ संधियों, करारों आदि से उत्‍पन्‍न विवादों में न्‍यायालयों के हस्‍तक्षेप का वर्जन.
363कदेशी राज्‍यों के शासकों को दी गई मान्‍यता की समाप्ति और निजी थौलियों का अंत.
364महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध.
365संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव.
366परिभाषाएं.
367निर्वचन.

भाग XX: संविधान का संशोधन

अनुच्‍छेदविवरण
368संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया.

भाग XXI:अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रावधान 


अनुच्‍छेदविवरण
369राज्‍य सूची के कुछ विषयों के सबंध में विधि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्‍थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों.
370जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के संबंध में अस्‍थायी उपबंध.
371महाराष्‍ट्र और गुजरात राज्‍यों के संबंध में विशेष उपबंध.
371कनागालैंड राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371खअसम राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371गमणिपुर राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371घआंध्र प्रदेश राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371डआंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना.
371चसिक्किम राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371छमिजोरम राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371जअरुणाचल प्रदेश राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
371-झगोवा राज्‍य के संबंध में विशेष उपबंध.
372विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन.
372कविधियों का अनुकूलन करने की राष्‍ट्रपति की शक्ति.
373निवारक निरोध में रखे गए व्‍यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्‍ट्रपति की शाक्ति.
374फेडरल न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों और फेडरल न्‍यायालय में या सपरिषद हिज मेजेस्‍टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध.
375संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्‍यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्‍य करते रहना.
376उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों के बारे में उपबंध.
377भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध.
378लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध.
378कआंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध.
379-391[निरसन]
392कठिनाइयों को दूर करने की राष्‍ष्‍ट्रपति की शक्ति.