- देश का आधे से अधिक उत्पादित चावल जिन चार राज्यों से प्राप्त होता है, वे हैं – पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब और आंध्र प्रदेश
- भारतवर्ष में चावल की खेती उन क्षेत्रों में होती है, जहां वार्षिक वर्षा – 100 सेमी. से अधिक है।
- वह राज्य जिसमें संकर धान की खेती के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्रफल है – उत्तर प्रदेश
- वह फसलें जो जायद में मुख्यत: सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाती हैं – मू्ंग एवं उड़द
- भारत में कपास का अधिकतम मात्रा में उत्पादन करने वाला क्षेत्र है – उत्तर-पश्चिमी और पश्चिमी भारत
- भारत का सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है – गुजरात
- मध्य प्रदेश का वह जिला जो कपास की खेती के कारण ‘सफेद सोने’ का क्षेत्र कहा जाता है – उज्जैन-शाजापुर
- महाराष्ट्र में वह फसल जो ‘श्वेत स्वर्ण’ के नाम से जानी जाती है – कपास
- सत्य कथन है – भारत कपास के पौधे का आदि निवास है। विश्व में भारत पहला देश है, जहां कपास की संकर किस्म विकसित हुई, जिसके परिणाम स्वरूप वर्धित उत्पादन होता है।
- कपास के रेशे प्राप्त होते हैं – बीज से
- महाराष्ट्र के काली मिट्टी के क्षेत्र में कपास को गन्ने की फसल से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण है – सिंचाई सुविधाओं के प्रसार के कारण इस क्षेत्र में गन्ने की फसल अधिक लाभप्रद है।
- भारत का वह राज्य जिसमें गन्ने की खेती के अंतर्गत सबसे अधिक भूमि है – उत्तर प्रदेश
- भारत की फसलों में से वह फसल जिसके अंतर्गत उसके शुद्ध सकल कृषि क्षेत्रके सिंचित क्षेत्र का सर्वाधिक प्रतिशत है – गन्ना
- भारत में तीन गन्ना उत्पादक राज्यों का घटते हुए (Decreasing Order) क्रम में सही अनुक्रम है – उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक
- भारत में सर्वाधिक गन्ना पैदा करने वाला राज्य है – उत्तरप्रदेश
- सत्य कथन है – चीनी उत्पादन प्रक्रम में शीरा एक उपोत्पाद है। चीनी कारखानों में चीनी मिलों में से निकली खोई भाप बनाने के लिए बॉयलरों में ईंधन के रूप में प्रयोग की जाती है।
- गन्ना उत्पादन के एक व्यावहारिक उपागम का, जिसे ‘धारणीय गन्ना उपक्रमण’ के रूप में जाना जाता है, महत्व है – कृषि की पारंपरिक पद्धति की तुलना में इसमें बीज की लागत बहुत कम होती है। इसमें च्यवन (ड्रिप) सिंचाई का प्रभावकारी प्रयोग हो सकता है। कृषि की पारंपरिक पद्धति की तुलना में इसमें अंतराशस्यन की ज्यादा गुंजाइश है।
- गन्ने में शर्करा की मात्रा घट जाती है, यदि – पकने की अवधि में पाला गिर जाए।
- चीनी उद्योग से संबंधित कथन सही है – विश्व में चीनी उत्पादन में भारत का हिस्सा 15 प्रतिशत से अधिक है। भारत में चीनी उद्योग दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। भारत चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- शक्कर नगर चीनी का एक प्रमुख उत्पादक केंद्र है – आंध्रप्रदेश
- भारत का ‘शक्कर का प्याला’ कहलाता है – उत्तर प्रदेश
- 1903 में भारतवर्ष की प्रथम चीनी मिल स्थापित की गई – प्रतापपुर (देवरिया) में
- उत्तरी भारत से दक्षिणी भारत में चीनी उद्योग के स्थानिक स्थानांतरण का कारण है – गन्ने का प्रति एकड़ उच्चतर उत्पादन, गन्ने में शर्करा का अधिक होना, पेराई का अधिक लम्बा मौसम।
- गन्ने में प्रजनन का कार्य किया जा रहा है – कोयम्बटूर में
- गन्ने का बीज उत्पादित किया जाता है – एम.बी.आई. कोयम्बटूर में
- गन्ने की अडसाली फसल पकने के लिए समय लेती है – 18 माह
- तिलहन फसल है – सूर्यमुखी, तिल, अलसी, सोयाबीन, अरंडी आदि।
- शुष्क भूमि के लिए सर्वाधिक उचित फसल है – मूंगफली
- ‘पेगिंग’ एक लाभकारी प्रक्रिया है – मूंगफली में
- भारत में सोयाबीन का अग्रणी उत्पादक राज्य है – मध्य प्रदेश
- भारत में सोयाबीन की खेती का सर्वाधिक क्षेत्रफल है – मध्य प्रदेश
- भारत में मूंगफली का सबसे बड़ा उज्पादक राज्य है – गुजरात
- मूंगफली के क्षेत्रांतर्गत कम परंतु, प्रति हेक्टेयर बहुत अधिक उत्पादन वाला भारत का राज्य है – पंजाब
- राजस्थान प्रमुख उत्पादक है – सरसों का
- भारत में उत्पादित मुख्य तिलहन फसल है – सोयाबीन, मूंगफली, सरसों, तिल
- सरसों की प्रजातियां हैं – वरूणा, पूसा बोल्ड एवं पितांबरी आदि
- जिप्सम की अधिक मात्रा आवश्यक होती है – मूंगफली की फसल में
- ‘कौशल’ उन्नत प्रजाति है – मूंगफली की
- वह देश जो दलहनी फसलों का मुख्य उत्पादक तथा उपभोक्ता है – भारत
- भारत में सामात्यत: निर्यात नहीं किया जाता है – दालों का
- भारत में दालों का सबसे उत्पादक राज्य है – मध्यप्रदेश
- हवा से नत्रजन संचित करने की क्षमता होती है – दालों में
- दलहनी फसलों के उत्पादन हेतु आवश्यक तत्व है – कोबाल्ट
- वायुमंडल के नत्रजन का स्थिरीकरण करने वाली दलहनी फसल है – चना, मटर एवं मूंग
- दलहनी फसलों में संतुलित खात का अनुपात (एन.पी.के.) है – 1:2:2
- अरहर का जन्म स्थान है – भारतवर्ष
- मालवीय चमत्कार एक प्रजाति है – अरहर की
- ‘बहार’ एक प्रसिद्ध प्रजाति है – अरहर की
- मटर की पत्तीविहीन जाति है – अपर्णा
- भारत में सर्वाधिक रेशम पैदा करने वाला राज्य है – कर्नाटक
- भारत को 60 प्रतिशत से अधिक कच्चा रेशम प्राप्त होता है – आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक से
- सही सुमेलन है – शहतूत रेशम – कर्नाटक, टसर रेशम – झारखंड, ईरी रेशम – असम, मूंगा रेशम – असम
- मूंगा रेशम की एक ऐसी किस्म है, जो पूरे विश्व में केवल भारत में होती है – असम में
- टसर रेशम का अग्रणी उत्पादक राज्य है – झारखंड
- राष्ट्रीय बागवानीपरिषद (बोर्ड) की स्थापना हुई थी – वर्ष 1984 में
- भारत में सर्वाधिक कॉफी उत्पादन की जाती है – कर्नाटक में
- भारत में देश का 72.3 प्रतिशत से अधिक कॉफी अकेले पैदा करता है – कर्नाटक
- भारत में कहवा की खेती का क्षेत्र सर्वाधिक पाया जाता है – कर्नाटक में
- वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार, चाय के उत्पाद, चाय के उत्पादन एवं उपभोग में चीन का प्रथम तथा भारत का – द्वितीय स्थान
- भारत में वह नकदी फसल जिससे अधिकतम विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है – चाय
- भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है – असम
- भारत अपनी आवश्यकता से अधिक उत्पादन करता है – चाय का
- एक ऐसे क्षेत्र में जहां वार्षिक वर्षा 200 सेंमी से अधिक होती है और ढलाव पहाड़ी स्थल है, खेती अभीष्ट होगी – चाय की
- ग्रीन गोल्ड किस्म है – चाय की
- बराक घाटी की महत्वपूर्ण फसल है – धान
- भारत में रबर का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य है – केरल
- भारत का वह राज्य जहां कहवा, रबर तथा तम्बाकू सभी की कृषि की जाती है – कर्नाटक
- भारत में बागानी कृषि के अंतर्गत उगाई जाने वाली मुख्य शस्य है – चाय, रबर, नारियल, कहवा
- सही कथन है – चाय असम की मुख्य फसल है। तम्बाकू आंध्रप्रदेश में विस्तृत पैमाने पर उगाई जाती है।
- भारत में तम्बाकू की कृषि के अंतर्गत वृहत्तम क्षेत्र है – आंध्रप्रदेश में
- भारत में नारियल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है – तमिलनाडु
- काली मिर्च का अधिकतम उत्पादन (विश्व में) होता है – वियतनाम और भारत में
- इलायची उत्पादन के लिए प्रसिद्ध राज्य है – केरल, कर्नाटक एवं तमिलनाडु
- केरल राज्य विश्व भर में जाना जाता है – गरम मसालों के संवर्धन के लिए
- ‘मसालों का बागान’ कहां जाने वाला राज्य है – केरल
- लोंग प्राप्त होता है – पुष्प कली से
- लौंग की खेती मुख्यतः होती है – केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में
- सही सुमेलन है – जूट – पश्चिम बंगाल, चाय – असम, रबर – केरल, गन्ना – उत्तरप्रदेश
- भारत में काली मिर्च की खेती के लिए अनुकूल दशाएं हैं – उष्ण और आर्द्र जलवायु, 200 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा, 1100 मीटर तक की ऊंचाई के पहाड़ी ढाल, 150 से 300 तक वार्षिक ताप परिसर
- भारत में काला सोना के रूप में जाना जाता है – काली मिर्च एवं कोयला
- भारत में मसालों का सर्वाधिक उत्पादक है – गुजरात
- काजू का प्रमुख उत्पादक राज्य है – महाराष्ट्र
- झूमिंग अथवा पेड़ा पद्धति है – जंगल काटकर सूखने को छोड़ना
- जूमिंग सर्वाधिक व्यवहृत है – नागालैंड में
- चलवासी कृषि जिन राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों की प्रमुख समस्या है, वह राज्य है – असम तथा झारखंड
- भारत में आलू का सर्वाधिक उत्पादन होता है – उत्तर प्रदेश में
- राष्ट्रीय केला अनुसंधान केंद्र स्थित है – त्रिची में
- भारत में खाद्यान्नों का उनके उत्पादन (मिलियन टन में) का सही ह्रासवान क्रम है – चावल गेहूं मोटे अनाज दालें
- भारत का वह राज्य जो कपास, मूंगफली तथा नमक के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है – गुजरात
- हरित बाल रोग पाया जाता है – बाजरे में
- गन्ना, चुकंदर, स्वीट पी, चना, अरहर और फरासबीन आते हैं – त्रिपादप कुल के अंतर्गत
- वर्ष 2015-16 में भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन था – 251.57 मिलियन टन
- विश्व में फल उत्पादन में भारत का स्थान है – दूसरा
- भारत का सर्वाधिक पटसन उत्पादक राज्य है – पश्चिम बंगाल
- भारत में जूट उद्योग प्रमुखत: केंद्रित है – पश्चिम बंगाल में
- गंगा के निचले मैदानों की यह विशेषता है कि यहां वर्षभर जलवायु उच्च तापमान के साथ आर्द्र बनी रहती है। इस क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त फ़सल युग्म है – धान और जूट
- भारत में जूट का सर्वाधिक क्षेत्रफल है – पश्चिम बंगाल में
- वर्षभर बोई जाने वाली फसल है – मक्का
- मक्का के लिए सही कथन है – मक्का का मंड के उत्पादन के लिए प्रयोग किया जा सकता है। मक्का से निष्कासित तेल जैव-डीजल के लिए फीडस्टॉक हो सकता है। मक्का के प्रयोग से एल्कोहॉली पेय उत्पन्न किया जा सकता है।
- मक्का की फसल पकने की अवधि है – 110 दिन
- C4 पौधा है – मक्का
- भारत में तीन शीर्ष मक्का उत्पादक राज्य है – कर्नाटक, मध्य प्रदेश एवं बिहार
- शक्तिमान 1 और शक्तिमान 2 अनुवांशिक परिवर्तित फसलें हैं – मक्का की
- भारत में केसर का वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन होता है – जम्मू और कश्मीर में
- भारत में केसर की सबसे अधिक मात्रा उत्पन्न होती है – कश्मीर में
- वह पौधा जिस की खेती पौधे का प्रति रोपण करके की जाती है – प्याज
- फसल चक्र जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समझा जाता है, वह है – धान, मक्का, गेहूं
- भागीरथी घाटी में राजमा और आलू की खेती प्रारंभ करने का श्रेय दिया जाता है – विल्सन को
- सब्जी उत्पादन में भारत का स्थान है – द्वितीय
- विश्व में सब्जियों का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला देश है – चीन
- आम की बीज रहित प्रजाति है – सिंधु
- आम की वह किस्म जो दशहरी एवं नीलम के क्रॉस से विकसित की गई है – आम्रपाली
- ललित उन्नत किस्म है – अमरूद की
- आम की नियमित फसल वाली प्रजातियां है – दशहरी-51, बैंगालोरा (तोतापरी), नीलम, आम्रपाली आदि
- ‘कंचन’ एक उन्नत किस्में है – आंवला की
- केले का अधिकतम उत्पादन होता है – तमिलनाडु में
- बोरलॉग पुरस्कार दिया जाता है – कृषि विज्ञान के क्षेत्र में
- प्रसंस्करण हेतु आलू की सबसे अच्छी किस्म है – कुफरी चिप्सोना 2
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का एक लक्ष्य धारणीय रीति से देश के चुनिंदा जिलों में खेतीगत जमीन में बढ़ोतरी एवं उत्पादकता में वृद्धि लाकर कुछ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि लाना है। यह फसलें हैं – केवल चावल, गेहूं, दलहन, बाजरा एवं चारा की फसलें
- वह फसले जो अधिकांशत: निर्वाहमूलक कृषि के अंतर्गत पैदा की जाती है – मोटे अनाज तथा चावल
- अदरक का तना जो मिट्टी में होता है और खाद्य का संग्रहण करता है, वह कहलाता है – प्रकंद
- अनाज के दानों का उत्पादन है – ओट मील
- उत्तराखंड में हो गाया जाने वाला अनाज ‘मंडुआ’ (कोदा) का निर्यात देश में अधिकांशत: किया जा रहा है, वह है – जापान
- प्रमुखतया वर्षा आधारित फसल है – मूंगफली, तिल, बाजरा
- वह अपने जो दलहन चारा और हरी खाद के रूप में प्रयुक्त होती है – लोबिया, अरहर एवं मूंग
- वह राज्य जिसमें सर्व उपयुक्त जलवायु विषयक स्थितियां उपलब्ध है, जिसमें न्यूनतम लागत से आर्किड की विभिन्न किस्मों की खेती हो सकती है, और वह इस क्षेत्र में निर्यात उन्मुख उद्योग विकसित कर सकता है – अरुणाचल प्रदेश
- देश का प्रथम पूर्ण रुप से जैविक राज्य घोषित किया गया है – सिक्किम को
- गुजरात राज्य की विशिष्टताएं हैं – उस का उत्तरी भाग शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क है। उस के मध्य भाग में कपास का उत्पादन होता है। उस राज्य में खाद्य फसलों की तुलना में नगदी फसलों की खेती अधिक होती है।
- भारत में ग्वार (क्लस्टर बीन) का पारंपरिक रुप से सब्जी या पशु आहार के रूप में उपयोग किया जाता है, किंतु हाल ही में इसकी खेती ने महत्व का स्थान प्राप्त किया है। इस संदर्भ में सही कथन है – इसके बीजों से निर्मित गोंद, शेल गैस के निष्कर्षण में प्रयुक्त होता है।
- भारत में कुल मत्स्य उत्पादक अग्रणी राज्य क्रमशः है – आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु
- PBW-343 और DBW-17 प्रजातियां है – गेहूं की
- धान की खैरा बीमारी के लिए प्रयोग किया जाता है – जिंक सल्फेट
- भारत में आम का उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य हैं – उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना
- विश्व के फल उत्पादन में भारत का योगदान है – 15% लगभग
- स्टॉक फार्मिंग है – पशुओं का प्रजनन
- प्रति 100 हेक्टेयर सकल कृष्य क्षेत्र में मवेशियों की संख्या का घनत्व सबसे अधिक है –बिहार में
- भारत की लगभग एक तिहाई गाय-बैलों की संख्या तीन राज्यों में पाई जाती है, ये हैं – मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल
- सही कथन है – मध्यप्रदेश में भारत के गाय-बैलों की सर्वाधिक संख्या पाई जाती है। उत्तर प्रदेश में भारत के भैंसों की सर्वाधिक संख्या पाई जाती है। आंध्रप्रदेश में भारत की भेड़ों की सर्वाधिक संख्या पाई जाती है। भारत में तमिलनाडु गाय के दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- भारत में सर्वाधित दुग्ध देनेवाली बकरी की नस्ल है – जमनापरी
- थारपरकर प्रजाति की गाय पाई जाती है – राजस्थान के सीमावृत्ति क्षेत्र में
- गाय की जो नस्ल अधिक दूध देती है, वह है – साहिवाल
- विश्व में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत का स्थान है – प्रथम
- भारत में दुग्ध का सर्वाधिक उत्पादन होता है – उत्तरप्रदेश में
- ‘ऑपरेशन फ्लड’ का संबंध है – दुग्ध उत्पादन एवं वितरण से
- भारत की ‘श्वेत क्रांति’ का जनक कहा जाता है – डॉ. वर्गीज कुरियन को
- श्वेत क्रांति संबंधित है – दुग्ध उत्पादन से
- ‘राष्ट्रीय डेयरी शोध संस्थान’ स्थित है – करनाल में
- भारत का सबसे महत्वपूर्ण खनिजयुक्त रॉक तंत्र है – धारवाड़ तंत्र
- विंध्य शैलों में वृहद भंडार पाए जाते हैं – चूना पत्थर के
- भारत के खनिज संसाधनों के सबसे बड़े भंडार हैं – दक्षिण-पूर्व में
- खनिज संसाधनो की सर्वाधिक संपन्नता है – कर्नाटक में
- भारत के भौमिकीय शैल क्रमों में लौह अयस्क का समृद्ध भंडार पाया जाता है – धारवाड़ क्रम में
- भारत में कोयला के कुल संचित भंडार की दृष्टि से संपन्न राज्य हैं – झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, प. बंगाल एवं मध्य प्रदेश
- भारत में कोयले के उत्पादन की दृष्टि से शीर्ष राज्य हैं – छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश तथा तेलंगना
- कुद्रेमुख क्षेत्र संबंधित है – लौह अयस्क से
- वह भारतीय राज्य जहां लौह अयस्क उपलब्ध नहीं है – पंजाब
- राजस्थान की नाथरा-की-पाल क्षेत्र में पाया जाने वाला खनिज है – लौह अयस्क
- बैलाडिला खान संबंधित है – लौह अयस्क से
- भारत में सबसे बड़ी मशीनीकृत खान है – बैलाडीला खान
- एशिया का श्रेष्ठ जस्ता एवं सीसा अयस्क भंडार उपलब्ध है – भीलवाड़ा जिले के रामपुरा अगुचा में
- राजस्थान का लगभग एकाधिकार है – जस्ता में
- भारत के प्रमुख चांदी उत्पादक राज्य हैं – राजस्थान एवं कर्नाटक
- मध्य प्रदेश में तांबा पाया जाता है – मलाजखंड (बालाघाट जिला) में
- वह राज्य जिसमें तांबा का सबसे अधिक भंडार है – राजस्थान, झारखंड
- भारत में सर्वाधिक निकेल उत्पादन होता है – ओडिशा में
- तांबां के क्षेत्र एवं संबंधित राज्य – चंदरपुर – महाराष्ट्र, हासन – कर्नाटक, खम्मम – तेलंगाना, खेतड़ी – राजस्थान
- बॉक्साइट अयस्क है – एलयुमीनियम का
- भारत के शीर्षस्थ बॉक्साइट उत्पादक राज्य हैं – ओडिशा एवं गुजरात
- भारत में टिन अयस्क का प्रमुख भंडार है – छत्तीसढ़़ में
- भारत में टिन का अग्रगण्य उत्पादक राज्य है – छत्तीसगढ़
- भारत में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है – आंध्र प्रदेश
- भारत में अभ्रक संसाधन सर्वाधिक हैं – आंध्र प्रदेश में
- भारत की सबसे बड़ी अभ्रक( Mica) मेखला वाले जिले हैं – हजारीबाग, गया और मुंगेर
- विश्व में अभ्रक का अग्रणी उत्पादक है – चीन
- सर्वोत्तम किस्म का संगमरमर पाया जाता है – मकराना में
- संगमरमर है, एक – कायांतरित चट्टान एवं पुनर्रवीकृत चूना पत्थर
- भारत के शैल तंत्रों में कोयला निचयों (डिपॉजिट्स) का प्रमुख स्त्रोत है – गोंडवान तंत्र
- भारतीय कोयले का अभिलक्षण हैं – उच्च भस्म, अंश, निम्न सल्फर अंश
- भारत के शैल समूहों में से गोंडवाना शैलों को सबसे महत्वपूर्ण मानने के लिए तर्क उपयुक्त है – इनमें भारत का 90 प्रतिशत से अधिक कोयला भंडार पाया जाता है।
- प्राप्त जानकारी की वर्तमान स्थिति और संसाधन परिस्थित को देखते हुए भारत तीस वर्ष तक आत्मनिर्भर रहेगा – कोककारी कोयला में
- छोटा नागपुर औद्योगिक क्षेत्र का विकास संबंधित रहा है – कोयला की खोज से
- देश में कुल कोयला-उत्पादन में झारखंड की भागीदारी है – 20%
- वह राज्य जिसमें नामचिक-नामफुक कोयला क्षेत्र अवस्थित है – अरूणाचल प्रदेश
- कोरबा कोयला क्षेत्र अवस्थित है – छत्तीसगढ़ में
- कोयला-उत्पादक क्षेत्र तथा कोयला खदान के सुमेलन है – दामोदर घाटी – बराकर, सोन घाटी – उमरिया, गोदावरी घाटी – सिंगरोनी, महानदी घाटी – तलचर
- तलचर एक प्रसिद्ध कोयला क्षेत्र है – ओडिशा में
- भारत के कोयला उत्पादन में छोटा नागपुर का योगदान है, लगभग – 80 प्रतिशत
- कोयला क्षेत्र जिसमें कोयला भंडार सर्वाधिक हैं – झारिया, रानीगंज
- झारखंड में कोयला की खानें स्थित हैं – झारिया में
- भारत में लिग्नाइट कोयले का सर्वाधिक जमाव पाया जाता है – तमिलनाडु में
- बिसरामपुर प्रसिद्ध है – कोयला खनन के लिए
- कोयला क्षेत्र तथा संबंधित राज्यों के सही सुमेलन है – करनपुरा – झारखंड, सिंगरेनी – आंध्र प्रदेश, नेवेली – तमिलनाडु, कोरबा – छत्तीसगढ़
- कोयले के वृहत सुरक्षित भंडार होते हुए भी भारत मिलियन टन कोयले का आयात करता है, क्योंकि – भारत के अधिकतर विघुत संयंत्र कोयले पर आधारित हैं और उन्हें देश से पर्याप्त मात्रा में कोयले की आंतरिक आपूर्ति नहीं हो पाती। इस्पात कंपनियों को बड़ी मात्रा में कोक कोयले की आवश्यकता पड़ती है, जिसे आयात करना पड़ता है।
- भारतीय कोयला उद्योग की समस्याएं हैं – निम्न कोटि का कोयला एवं कोयला संचलन में बाधा, धुलाई संस्थानों की उपयोग क्षमता में कमी, कोकिंग कोयला के आयात पर बढ़ती निर्भरता, कार्य संचालन कीमतें
- कोयले का सर्वाधिक उपयोग होता है – ऊर्जा उत्पादन में
- भारत में सबसे पुराना तेल का भंडार / तेलशोधन इकाई अवस्थित है – डिग्बोई (असम में)
- भारत में पेट्रोलियम का अग्रणी उत्पादक राज्य है – राजस्थान
- अंकलेश्वर प्रसिद्ध है – पेट्रोल के भंडार के लिए
- लुनेज पेट्रोल उत्पादक क्षेत्र स्थित है – गुजरात में
- नवग्राम तेल क्षेत्र स्थित है – गुजरात में
- भारत में सर्वप्रथम खनिज तेल का कुआं खोदा गया – माकूम में
- आंध्रप्रदेश में अवस्थित तेल परिशोधन शाला है –विशाखापट्टनम तेलशोधन केंद्र
- पनागुडी (तमिलनाडु) प्रसिद्ध है – पवन चक्कियों एवं राकेट इंजन प्लांट के लिए
- भारत में सर्वप्रथम तेल/ऊर्जा संकट प्रारंभ हुआ – 1970 और 1980 के दौरान
- तेलशोधनशाला तथा राज्य का सही सुमेलन है – हल्दिया – पश्चिम बंगाल, जामनगर – गुजरात, कोच्चि – केरल, नुमालीगढ़ – असम, तातीपाका – आंध्रप्रदेश, कोयाली – गुजरात, बरौनी – बिहार, नूनमाटी – असम, मंगलौर – कर्नाटक, पानीपत – हरियाणा
- मंगला-भाग्यम्, शक्ति एवं ऐश्वर्या है – बाड़मेर-सांचौर बेसिन में खोजे गए तेल क्षेत्र
- 14 एन ई एम पी ब्लॉक्स, 1 जे वी ब्लॉक्स, 2 नोमिनेशन ब्लॉक्स एवं 4 सी बी एम ब्लॉक्स संबंधित है – पेट्रोलियम अन्वेषण से
- ‘हाईड्रोजन विजन-2025’ संबंधित है – पेट्रोलियम उत्पाद के भंडारण से
- भारत में तेल अन्वेषण का कार्य किया जाता है – ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा
- एच.बी.जे. पाईपलाईन द्वारा प्राकृतिक गैस का परिवहन होता है – दक्षिणी बेसिन से
- हजीरा-बीजापुर-जगदीशपुर (एचबीजे) गैस पाइप-लाइन निर्मित की गई है – गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा
- भारत में अधिकांश प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जाता है – मुम्बई हाई से
- मुम्बई हाई तेल क्षेत्र मुंबई तट से दूर है -160 किमी
- केजी-डी-6 बेसिन में, जो अप्रैल, 2009 से लगातार चर्चा में है, भारी मात्रा में भंडार है – गैस का
- भारत के वह क्षेत्र जिसमें शेल गैस के संसाधन पाए जाते हैं – कैम्बे बेसिन, कावेरी बेसिन, कृष्णा-गोदावरी बेसिन
- कोयला, लकड़ी, डीजल तथा पेट्रोल में से जीवाश्म ईंधन नहीं है – लकड़ी
- गोंडवाना संस्तरों में पाया जाता है – कोयला निक्षेप
- माइका सिटी ऑफ इंडिया कहा जाता है – कोडरमा को
- तांबां, गारनेट (तामड़ा), मैंगनीज एवं पाइराइट में से कायांतरित चट्टानों (मेटामॉरफिक चट्टान) से संबंद्ध करेंगे – गारनेट (तामड़ा) को
- क्वार्ट्जाइट कायांतरित (Meramorphose) होता है – बलुआ पत्थर से
- इंडियन मिनरल बुक, 2015 के अनुसार, वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में भारत में मैंगनीज का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य है – मध्यप्रदेश
- वर्ष 2014-15 में भारत में मैंगनीज उत्पादक राज्यों में उच्च से निम्न उत्पादन स्तर का सही क्रम है – मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा
- खनिज एवं शीर्ष उत्पादक राज्य का सही सुमेलन है – लौह अयस्क – ओडिशा, तांबा – राजस्थान (प्रथम मध्यप्रदेश), सोना – कर्नाटक, अभ्रक – आंध्रप्रदेश, खनिज तेल – गुजरात (प्रथम राजस्थान), जिप्सम – राजस्थान, बॉक्साइट – ओडिशा
- हेमेटाइट, बॉक्साइट, जिप्सम तथा लिमोनाइट में से धातु खनिज नहीं है– जिप्सम
- भारत का प्रमुखजिप्सम उत्पादक राज्य है – राजस्थान