कुछ लोग ट्रैफिक नियमों को ले कर मजाक उड़ा रहे हैं।
माना कि कानून सख्त बना दिये गए हैं मगर एक बात जरूर सोचिए, क्या गाड़ी के सारे कागजात व लाइसेंस साथ ले कर चलना, हेलमेट पहनना, सिग्नल पर रुकना, इत्यादि, क्या ये हमारा कर्तव्य नहीं है? और यदि ये सब हमारे पास यथोचित है तो फिर डर किस बात का है?
अतः कानून का मजाक ना बनाएं, इसका सम्मान करें व निष्ठा से पालन कर एक जिम्मेदार नागरिक बनें।
सरकार से भी गुजारिश है कि जब नियम इतने कठोर बनाये हैं तो जनता को भी मूलभूत सुविधाएं जैसे कि अच्छी सड़कें, पर्याप्त रौशनी, इत्यादि मुहैया कराएं। कठोरतम सजा का प्रावधान उन ठेकेदारों पर भी लागू हों जो सड़कें, पुलों, आदि का निर्माण घटिया सामान से करते हैं, और फिर वही सड़कें या पुल कुछ महीनों बाद किसी दुर्घटना का कारण बनते हैं।
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