Friday, 13 September 2019

  • केन्‍द्र एवं खनिजों के सही सुमलेन है – मकुम – कोयला, डल्‍लीराजहरा – लौह अयस्‍क, कोरापुट – बॉक्‍साइट, चित्रदुर्ग – मैंगनीज
  • तांबा, सोना, लोहा, कोयले का सही क्रम है – खेतड़ी-कोलार-कुद्रेमुख-झरिया
  • वह राज्‍य जिसका क्रोमाइट उत्‍पाद में लगभग एकाधिकार है – ओडिशा
  • ग्रेनाइट पट्टियां तथा स्‍लेट बनाए जाते हैं – ललितपुर में
  • भारत में हीरे की खानें अवस्थित हैं – मध्‍य प्रदेश में
  • वह जिला जिसमें हीरा-युक्‍त किम्‍बरलाइट के बृहत भंडार पाए गए हैं – रायपुर
  • सोनभ्रद जनपद में पाई जाने वाली धातु है – एंडलुसाइट, पायराइट, डोलोमाइट
  • केरल के कई भागों की समुद्र-तटीय बालू में पदार्थ पाए जाते हैं, वह पदार्थ हैं – इल्‍मेनाइ, जिरकॉन, सिल्‍मेनाइट
  • केरल के समुद्री तट पर पाया जाने वाला परमाणु खनिज है – मोनोजाइट
  • केरल की मोनाजाइट बालुका में पाया जाता है – यूरेनियम
  • जादुगुड़ा प्रसिद्ध है – यूरेनियम के लिए
  • छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में प्राकृतिक रूप से मिलने वाले खनिज हैं – बॉक्‍साइट, डोलोमाइट, लौह अयस्‍क, टिन
  • छोटा नागपुर पठार जिस संसाधन में समृद्ध है, वह है – खनिज
  • भारत में सर्वाधिक नमक उत्‍पादन होता है – गुजरात में
  • उड़ान एक गैस आधारित शक्ति परियोजना है – महाराष्‍ट्र में
  • भारत में ऊर्जा-उत्‍पादन में सर्वाधिक अंश है – ऊष्‍मीय (थर्मल) ऊर्जा का
  • भारत में शक्ति खंड में ऊर्जा स्रोतों के भाग का सही क्रम है – तापीय – जलीय – वायु/पवन – आण्विक
  • पश्चिम बंगाल में राष्‍ट्रीय ताप ऊर्जा कॉर्पोरेशन (NTPT) द्वारा सुपर ताप विघुत उत्‍पादन केंद्र स्‍थापित है – फरक्‍का में
  • नेवेली तापविघुत संयंत्र का भरण करते हैं – तृतीयक कोयला (लिग्‍नाइट) से
  • रामागुंडम सुपर थर्मल पॉवर स्‍टेशन अवस्थित है – आंध्र प्रदेश में
  • वह देश जिसके सहयोग से ओबरा ताप विद्युत केंद्र की स्‍थापना की गई थी – रूस
  • बोकारो का तापीय बिजलीघर स्थित है – झारखंड में
  • भारत में प्रथम न्‍यूक्लियर ऊर्जा स्‍टेशन की स्‍थापना हुई थी – तारापुर में
  • वर्ष 2016 तक भारत में कुल उत्‍पादित ऊर्जा में नाभिकीय ऊर्जाका प्रतिशत था – 3.38 प्रतिशत (नवंबर, 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार नाभिकीय ऊर्जा का प्रतिशत 2.1 है।)
  • भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्‍ध महत्‍वपूर्ण नाभिकीय ईंधन है – थोरियम
  • नाभिकीय शक्ति केंदों तथा राज्‍यों का सुमेलन है – कोटा – राजस्‍थान, तारापुर- महाराष्‍ट्र, काकरापार – गुजरात, नरौरा – उत्‍तरप्रदेश
  • आण्विक संयंत्र एवं उनके चालू होने के वर्षों का सुमेलन है – कोटा – 1973, काकरापार – 1993, कैगा – 2000, कलपक्‍कम – 1984
  • परमाणु विद्युत संयंत्र / गुरूजल संयंत्र तथा राज्‍यों के सुमलन है – थाल – महाराष्‍ट्र, मानगुरू – तेलंगाना, कैगा- कर्नाटक, मुप्‍पांदल – तमिलनाडु
  • तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु रिएक्‍टर्स की 6 इकाइयां लगाने हेतु राजी हुआ है – रूस
  • कुडनकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र स्‍थापित किया जा रहा है – तमिलनाडु में
  • भारत अपने 25वें परमाणु विघुत संयंत्र का निर्माण कर रहा है – रावतभाटा (राजस्‍थान) में
  • भारत का बीसवां परमाणु बिजलीघर है – कैगा (कर्नाटक)
  • परमाणु ऊर्जा हेतु भारी जल संयंत्र स्‍थापित है – हजीरा, बडौदा, कोटा, मानगुरू, थाल आदि में
  • ‘मीठी-विरदी’ परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्‍थापित किया जाएगा – यू.एस.ए. के सहयोग से
  • अणुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड एक संयुक्‍त उपक्रम है, भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम और – एन.टी.पी.सी. का
  • कोयना जलविद्युत गृह अवस्थित है – महाराष्‍ट्र में
  • राणा प्रताप पर विघुतगृह स्‍थापित है – कोटा मे
  • ऊष्‍मा विघुत संयंत्र, पवन ऊर्जा संयंत्र, जलविघुत ऊर्जा संयंत्र तथा नाभिकीय विघुत संपन्‍न में से महाराष्‍ट्र का सतारा प्रसिद्ध है – पवन ऊर्जा संयंत्र के लिए
  • पवन ऊर्जा के उत्‍पादन में प्रथम स्‍थान रखता है – तमिलनाडु
  • भारत में ऊर्जा ‍उत्‍पादन एवं उपभोग के संबंध में कथन सही है – भारत में उत्‍पादित कुल व्‍यावसायिक ऊर्जा स्‍त्रोतों का योगदान लगभग 14 प्रतिशत से अधिक है।
  • गुजरात, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु एवं कर्नाटक राज्‍यों में से पवन ऊर्जा की एशिया की सबसे बड़ी परियोजना जिसकी क्षमता 150 मेगावॉट की है, स्थित है – तमिलनाडु में (वर्तमान में सुजलान ग्रुपद्वारा गुजरात के कच्‍छ में निर्मित 1100 मेगावॉट की पवन ऊर्जा इकाई (wind form) एशिया की सबसे बड़ी इकाई है)
  • भारत में ‘ज्‍वारीय ऊर्जा उत्‍पादन का प्रमुख क्षेत्र है – खंभात की खाड़ी
  • भारत में ज्‍वारीय ऊर्जा की सर्वाधिक संभावनाएं हैं – भावनगर (गुजरात) में
  • एमएमटीसी, एमटीएनएल, एनसीएल तथा एनएचपीसी में से विघुत उत्‍पादन के क्षेत्र से संबंधित है – एनएचपीसी
  • भारत में प्रति व्‍यक्ति प्राथमिक ऊर्जा की खपत वर्ष 2014-15 में थी – 423.5 किग्रा. तेल (17731 मेगाजूल) के बराबर
  • भारत में अपना सौर ऊर्जा प्‍लांट लगाने वाला प्रथम गांव रामपुरा स्थित है – उत्‍तर प्रदेश में
  • भूतापीय ऊर्जा पर आधारित मनीकरण बिजली संयंत्र स्थित है – हिमाचल प्रदेश में
  • पेट्रोलियम, परमाणु ऊर्जा, प्राकृतिक गैस एवं बायोगैस में से ऊर्जा का व्‍यावसायिक स्‍त्रोत नहीं है – बायोगैस
  • नवीनीकृत ऊर्जा संसाधन हैं – पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, सूर्य की ऊर्जा, पृथ्‍वी की ऊर्जा
  • स्‍टेनलेस स्‍टील मिश्र धातु है – लोहा, क्रोमियम और निकेल की
  • धब्‍बारहित स्‍टील बनाने में लोहे के साथ प्रयुक्‍त होने वाली महत्‍वपूर्ण धातु है – क्रोमियम
  • भारत में कतिपय लौह इस्‍पात संयंत्र पश्चिमी तट में से होकर आयोजित किए गए हैं। इस उद्योग के ऐसे अवस्थितीय स्थित्‍यांतरण का प्रमुख कारण है – गोवा एवं मध्‍य प्रदेश के कुछ भागों में उत्‍तम श्रेणी के लौह अयस्‍क निक्षेपों का मिलना तथा इस क्षेत्र से इस्‍पात निर्यात की तुलनात्‍मक सुविधा
  • भारत में इस्‍पात उत्‍पादन उघोग को आयात की अपेक्षा होती है  कोककारी (कोकिंग) कोयला के
  • ‘टिस्‍को’ संयंत्र स्थित है – टाटानगर के नजदीक
  • राउरकेला इस्‍पात संयंत्र स्‍थापित किया गया था – जर्मनी के सहयोग से
  • भिलाई स्‍टील प्‍लांट संयुक्‍त उपक्रमहै – रूस एवं भारत सरकार का
  • चाय, जूट, लौह एवं इस्‍पात तथा चीनीउद्योग में से वह उद्योगजो भारत के लिए सबसे अधिक विदेशी मुद्रा कमाता है – लौह एवं इस्‍पात उद्योग
  • राउरकेला इस्‍पात संयंत्र को लौह अयस्‍क की आपूर्ति होती है – क्‍योंझर से
  • भारत में इस्‍पात कारखानों का वह समूह जो स्‍वतंत्रता के पश्‍चात (द्वितीय पंचवर्षीय योजना में) बनाए गए थे – भिलाई, दुर्गापुर तथा राउरकेला
  • छत्‍तीसगढ़ में कोरबा का महत्‍व है – एल्‍युमीनियम उद्योग के कारण
  • टेल्‍को (TELCO) कंपनी संबंधित है – ऑटोमोबाइल से
  • कम्‍पनी एवं उनकी अवस्थिति का सही सुमेलन है – बाल्‍को-कोरबा, हिंडाल्‍को – पिपरी (रेनूकूट), नाल्‍को – भुवनेश्‍वर, एच.सी.एल. – खेत्री, इंडियन एल्‍युमीनियम- हीराकुंड, नेशनल एल्‍युमीनियम – कोरापुट
  • भारत का सबसे प्राचीन उद्योग है – सूती वस्‍त्र
  • मसूरिया साड़ी का संबंध है – कोटा जिले से
  • उत्‍तरप्रदेश में भारत इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड स्‍थापित है – गाजियाबाद में
  • चुनार प्रसिद्ध है – सीमेंट उद्योग के लिए
  • इंडियन मिनरल बुक, 2015 के आंकड़ों के अनुसार, विश्‍व स्‍तर पर सीमेंट उत्‍पादन में भारत का स्‍थान है – दूसरा
  • जिप्‍सम, चूना पत्‍थन, राख तथा मटिपार में से सीमेंट का मुख्‍य संघटक है – चूना पत्‍थर
  • बिहार में डालमिया नगर पसिद्ध है – सीमेंट के लिए
  • मध्‍यप्रदेश में कीटनाशक उद्योग हेतु प्रसिद्धहै – भोपाल
  • भारत में पंजिम, बंगलुरू, पुडुचेरी तथा औरंगाबाद औद्योगिक क्षेत्रों में से रबर उद्योग स्थित है – पंजिम में
  • पिपरी (उत्‍तरप्रदेश) में उद्योग है – जलविद्युत
  • भारत का प्रथम उर्वरक कारखाना स्थित है – फूलपुर (उत्‍तरप्रदेश) में
  • भारत का सबसे बड़ा पेट्रो-रसायन कारखाना स्थित है – गुजरात में
  • स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की स्‍थापना का वर्ष है – 1974 में
  • भारत में सर्वाधिक कागज मिलें स्थित है – गुजरात में
  • 1818 ई. में पहला सूती वस्‍त्र कारखाना शुरू हुआ – पश्चिम बंगाल में फोर्टग्‍लास्‍टर में
  • भारत में प्रथम कपास मिल (सूती वस्‍त्र उद्योग) की स्‍थापना हुई थी – कलकत्‍ता में
  • ‘डायमंड पार्क’ – ये वे औद्योगिक केंद्र हैं, जो हीरों, सिंथेटिक जवाहरातों तथा आभूषणों के निर्माण और निर्यात को प्रोत्‍साहित करनेके लिए बनाए गए हैं।
  • पंजाब में होजरी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है – लुधियाना
  • भारत में वह उद्योग जो पानी का सबसे बड़ा उपभोक्‍ता है – ताप शक्ति
  • देश में पेट्रो-रसायन के उत्‍पादन का सबसे बड़ा केंद्र स्थित है – जामनगर में
  • पारंपरिक साड़ी / वस्‍त्र उत्‍पादन के लिए सुख्‍यात हैं – चंदेरी एवं कांचीपुरम
  • बनारसी जरी और साडि़यां, राजस्‍थानी दाल-बाटी-चूरमा तथा तिरूपति लड्डू में से ‘भौगोलिक सूचना’ (जिओग्रॉफीकल इंडिकेशन) की स्थिति प्रदान की गई है – बनारसी जरी और साडि़यां तथा तिरूपति लड्डू को
  • शिवकाशी औद्योगिक क्षेत्रअवस्थित है – तमिलनाडु में
  • भारत में शिवकाशी केंद्र स्थित है – मदुरई-कोयम्‍बटूर-बंगलुरू औद्योगिक प्रदेश में
  • मध्‍यप्रदेश में पीथमपुर को जाना जाता है – ऑटोमोबाइल के लिए
  • 1988 में अंटा‍र्कटिका महाद्वीप पर भारत ने दूसरा वैज्ञानिक शोध केंद्र ‘मैत्री’ स्‍थापित किया था। इस शोध केंद्र में अनुसंधान कार्य है – समुद्री जैवशास्‍त्र के क्षेत्र में अनुसंधान
  • अंटार्कटिका में तीसरे भारतीय शोध केंद्र की आधारशिला जिस नाम से रखी गई, वह है – भारती
  • ‘दक्षिण गंगोत्री’ के नाम से जाना जाता है – भारत का प्र‍थम अंटार्कटिक शोध केंद्र
  • इ्रटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इ्रस्‍टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्‍स (आईसीआरआईएसएटी) स्थित है – हैदराबाद में
  • केंद्रीय शुष्‍क भूमि कृषि अनुसंधान(CRIDA) अवस्थित है – हैदराबाद में
  • केंद्रीय शुष्‍क बागवानी संस्‍थान स्थित है – बीकानेर में
  • राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी अवस्थित है – हैदराबाद में
  • ‘राष्‍ट्रीय कृषि विपणन संस्‍थान’ स्थित है – जयपुर में
  • उद्यान एवं वानिकी विश्‍वविद्यालय स्थित है – सोलन में
  • सेंट्रल फूड टेक्‍नॉ‍लोजिकल रिसर्च इंस्‍टीटयूट स्थित है – मैसूर में
  • सही सुमेलन है – राष्‍ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान – नागपूर, केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्‍थान – मैसूर, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्‍थान – शिमला, केंद्रीय तम्‍बाकू अनुसंधान संस्‍थान – राजामुंद्री
  • शस्‍य वानिकी का राष्‍ट्रीय शोघ केंद्र अवस्थित है – झांसी में
  • खेतों में प्रयुक्‍त होने वाले औजारों और मशीनों पर शोघ और विकास कार्य ‘सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग’ द्वारा किया जा रहा है, जो स्थित है – भोपाल में
  • भारतीय चावल शोघ-संस्‍थान स्थित है – कटक में
  • राष्‍ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – करनाल में
  • भारतीय दलहन अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – कानपुर में
  • भारतीय शाकबाजी अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – वाराणसी में
  • केंद्रीय उपोष्‍ण बागवानी संस्‍थान अवस्थित है – लखनऊ में
  • ‘इंडियन ब्‍यूरो ऑफ माइंस’ का मुख्‍यालय अवस्थित है – नागपुर में
  • केंद्रीय खनन अनुसंधान संस्‍थान स्थित है – नागपुर में
  • भारतीय हीरा संस्‍थान स्‍थापित है – सूरत में
  • राष्‍ट्रीय दुग्‍ध विकास बोर्ड स्थित है – आनंद में
  • सही सुमेलन है – राष्‍ट्रीय शर्करा संस्‍थान – कानपुर, मिश्र धातु निगम लिमिटेड – हैदराबाद, सैन्‍य विधि संस्‍थान – काम्‍टी, राष्‍ट्रीय अखंडता संस्‍थान – पुणे
  • ‘भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान’ स्थित है – लखनऊ में
  • सही सुमेलन है – केंद्रीय धान अनुसंधान संस्‍थान – कटक खेती प्रणाली अनुसंधान निदेशालय – मेरठ, भारतीय मृदाविज्ञान संस्‍थान – भोपाल, शस्‍य वानिकी का राष्‍ट्रीय शोघ केंद्र – झांसी
  • ‘राष्‍ट्रीय एटलस और थिमेटिक मानचित्र संगठन’ स्थित है – कोलकाता में
  • भारत में नेचुरल हिस्‍ट्री का राष्‍ट्रीय संग्रहालय स्‍थापित है – नई दिल्‍ली, मैसूर, भोपाल एवं भुवनेश्‍वर में
  • सही सुमेलन है – सी.एस.एस.आर.आई. – करनाल, सी.टी.सी.आर.आई. – त्रिवेद्रम, आई. आर. आर. आई. – मनीला, सी.ए.जेड.आर.आई. – जोधपुर
  • पौध संरक्षण, संगरोध एवं भंडारण निदेशालय अवस्थित हैं – फरीदाबाद में
  • सही सुमेलन है – भारतीय गन्‍ना अनुसंधान संस्‍थान – लखनऊ, राष्‍ट्रीय पादप आनुवंशिकी अनुसंधान ब्‍यूरो – नई दिल्‍ली, राष्‍ट्रीय पौध सुरक्षा प्रशिक्षण संस्‍थान – हैदराबाद, गेहूं अनुसंधान निदेशालय – करनाल
  • राष्‍ट्रीय जैवि‍क खेती केंद्र (एन.सी.ओ.एफ.) स्थित है – गाजियाबाद में
  • भारत में देश के कुल यातायात में सड़क यातायात का भाग है – 80 प्रतिशत
  • भारत में कुल राष्‍ट्रीय राजमार्गऔर उनकी कुल लंबाई तकरीबन है – क्रमश: 250 से अधिक और 100087 किमी.
  • भारत का सबसे लंबा राष्‍ट्रीय राजमार्ग है – राष्‍ट्रीय राजमार्ग
  • राष्‍ट्रीय मार्ग क्र.4 निम्‍नलिखित से होकर जाता है – महाराष्‍ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु
  • वह राज्‍य जिसमें राष्‍ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई पाई जाती है – उत्‍तर प्रदेश
  • भारत का वह राज्‍य जिसमें प्रांतीय राजमार्गों की सकल लंबाई सबसे अधिक है – महाराष्‍ट्र
  • स्‍वर्ण चतुर्भुज परियोजना का संबंध है – राजमार्ग के विकास से
  • भारत की स्‍वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जोड़ती है – दिल्‍ली – मुंबई – चेन्‍नई – कोलकाता को
  • ‘प्रधानमंत्री भारत जोड़ो परियोजना’ संबंधित है – राजमार्गों के विकास से
  • दो राष्‍ट्रीय राजमार्ग-कन्‍याकुमारी-श्रीनगर राजमार्गएवं पोरबंदर-सिल्‍चर राजमार्ग, जो राष्‍ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत निर्मितहो रहे हैं, एक दूसरे से मिलेंगे – झांसी में
  • उत्‍तर-दक्षिण गलियारे (North-South Corridor) पर स्थित नगरों का उत्‍तर से दक्षिण का क्रम है – आगरा, ग्‍वालियर, नागपुर, कृष्‍णागिरी
  • महाराष्‍ट्र में 6 पथ एक्‍सप्रेस मार्ग द्वारा संबद्ध किया गया है – मुंबई तथा पुणे को
  • आगरा, भोपाल, धुले तथा ग्‍वालियर में से वह नगर जो राष्‍ट्रीय राजमार्ग 3 से नहीं जुड़ा है – भोपाल
  • प्रधानमंत्री की ग्राम सड़क योजना है – उन गांवों में सामुदायिक जीवन के विकास हेतु जो सड़क से भली-भांति संबद्ध नहीं हैं।
  • भारतीय राज्‍यों का उनके प्रति 100 वर्ग किमी. क्षेत्र में उनकी भूतल मार्गों की लंबाई के अवरोही क्रम में सही अनुक्रम है – पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, हरियाणा
  • सही कथन हैं – राष्‍ट्रीय राजमार्ग संपूर्ण सड़क परिवहन आवश्‍यकता के लगभग 40 प्रतिशत की पूर्ति करते हैं, राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 7 देश का सबसे बड़ा राजमार्ग है।
  • अमृतसर से दिल्‍ली होकर कोलकाता तक के राष्‍ट्रीय राजमार्ग की संख्‍या है – 2
  • भारत का 40 प्रतिशतसड़क परिवहन होता है – राष्‍ट्रीय राजमार्ग से
  • वह राष्‍ट्रीय राजमार्ग जिसकी मध्‍य प्रदेश में लंबाई सर्वाधिक है – एन.एच.-3 आगरा -ग्‍वालियर – देवास – मुंबई
  • राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजना के संबंध में सही कथन हैं – यह दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई को जोड़ता है, इसकी कुल लंबाई 5846 किमी. है। उत्‍तर-दक्षिण गलियारा – श्रीनगर से कन्‍याकुमारी, पूर्व-पश्चिम गलियारा-सिलचर से पोरबंदर
  • ‘जवाहर सुरंग’ गुजरती है – बरिहाल दर्रे से
  • भारत में सबसे पहले रेलमार्ग तैयार हुआ था -1853 में
  • भारत की पहली रेलवे लाइन बनी थी – मुंबई-थाणे के बीच 1853 में
  • ‘बड़ी लाइन’ की दो पटरियों के बीच की दूरी होती है – 51/2 फीट
  • गोरखपुर से मुंबई की रेलयात्रा का न्‍यूनतम दूरी वाला मार्ग है – इलाहाबाद होकर
  • भारत के रेल मंत्रालय की बुलेट-ट्रेन चलाने की योजना है, – मुंबई-अहमदाबाद के मध्‍य
  • सही सुमेलन है – उत्‍तर-पूर्व रेलवे – गोरखपुर, दक्षिण-पूर्व रेलवे – कोलकाता, पूर्वी रेलवे – कोलकाता, दक्षिण-पूर्व मध्‍य रेलवे – बिलासपुर
  • सत्‍य कथन हैं – उत्‍तर-पश्चिम रेलवे का मुख्‍यालय जयपुर में स्‍थित है। फेयरी क्‍वीन विश्‍व के सबसे पुराने चालू इंजन को प्रयोग करने वाली गाड़ी है तथा भारतीय रेलवे इसके द्वारा वन्‍यजीवन तथा विरासत स्‍थलों की यात्रा आयोजित करती है।
  • रेलवे का जोन मुख्‍यालय-हाजीपुर स्थित है – बिहार में
  • उत्‍तर-मध्‍य रेलवे जोन(क्षेत्र) का मुख्‍यालय स्थित है – इलाहबाद में
  • डीजल रेल इंजन बनाए जाते हैं – मडुवाडीह में
  • वह राज्‍य जहां यात्री रेल डिब्‍बों का बड़ी मात्रा में निर्माण होता है – पंजाब और तमिलनाडु
  • रेल्‍वे स्‍टाफ कालेज स्थित है – बड़ौदा में
  • साल की लकड़ी का उपयोग अधिकतर होता है – रेल्‍वे स्‍लीपर बनाने के उद्योग में
  • तीसरी रेल कोच फैक्‍टरी थ्‍साापित की जा रही है – रायबरेली में
  • वह रेल खंड जहां पर प्रथम सी.एन.जी. ट्रेन बनाया गया है – गुजरात
  • कोंकण रेल्‍वे जोड़ता है – रोहा से मैंगलोर को
  • कोंकण रेल्‍वे से सर्वाधिक लाभान्वित राज्‍य है – गोवा, कर्नाटक, महाराष्‍ट्र, केरल
  • बेलगाम, मडगांव, रत्‍नागिरी एवं उड़पी में से कोंकण रेलमार्ग नहीं जोड़ता है – बेलगाम को
  • वह दो रेल्‍वे स्‍टेशनों जिन्‍हें जोड़ने वाली रेल लाइन को यूनेस्‍को ने धरोहर के रूप में मान्‍यता दी है – सिलीगुड़ी तथा दार्जिलिंग
  • भारत में वह राज्‍य जो रेल सेवा से बंचित है – सिक्किम
  • रेल सुरंगों का लंबाई के अनुसार सही अवरोही क्रम है – पीर पंजाल, कारबुद, नाथूवाड़ी, बरदेवादी
  • मालाबार, कोंकण, कोरोमंडल तथा उत्‍तरी सरकार तटोंमें से ‘कोच्चि बंदरगाह’ से संबंधित है – मालाबार तट
  • भारत में सबसे बड़ा पोत-प्रांगण (शिपयार्ड) है – कोच्चि (कोचीन)
  • भारत के मुख्‍य ज्‍वारीय पत्‍तन हैं – कोलकाता तथा कांडला
  • कांडला बंदरगाह जो एक प्राकृतिक बंदरगाह है, स्थित है – कच्‍छ की खाड़ी (पूर्वी तट)
  • भारत का सबसे गहरा पत्‍तन है – विशाखापत्‍तनम
  • पारादीप का विकासजिन बंदरगाहों का भार कर करने के लिए किया गया था, वे हैं – कोलकाता-विशाखापत्‍तनम
  • पारादीप बंदरगाह अवस्थित है – ओडिशा राज्‍य में
  • मर्मुगाओं पत्‍तन सिथत है – गोवा में
  • भारत का सर्वाधिक आयात नौभार तथा निर्यात नौभारवहन किया– कांडला पत्‍तन ने
  • भारत में कृत्रिम पत्‍तन है – चेन्‍नई एवं तूतीकोरिन
  • आंध्रप्रदेश का बंदरगाह नगर है – काकीनाडा
  • पत्‍तन जहां एल.एन.जी. टर्मिनल नहीं है, वह है – कांडला
  • वह स्‍थान जहां पर तीन अर्द्ध-चंद्राकार समुद्र तट मिलते हैं – कन्‍याकुमारी
  • सेतुसमुद्रम परियोजना में नौपरिवहन नहर की लंबाई है – 167 किलोमीटर
  • सेतुसमुद्रम परियोजना, जिन्‍हें जोड़ती हैं, वे हैं – मन्‍नार की खाड़ी और पाक खाड़ी
  • कृष्‍णापट्टनम बंदरगाह के संवर्धन से सर्वाधिक लाभान्वित राज्‍य होगा – आंध्रप्रदेश
  • भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है – मुंबईमें
  • गंगा नदी का वह भाग, जिसको राष्‍ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है – इलाहाबाद से हल्दिया तक
  • देश का सबसे लंबा आंतरिक जलमार्ग है – इलाहाबाद – हल्दिया
  • वह राष्‍ट्रीय जलमार्ग जो कोट्टापुरम तथा कोल्‍लम को जोड़ता है – केरल तटीय नहर जलमार्ग
  • राष्‍ट्रीय अंतर्देशीयनौवहनसंस्‍थान (NINI) अवस्थित है – पटना में
  • भारत का कोयले को संचालित करने वाला बारहवां प्रमुख पत्‍तन विकसित हो रहा है – चेन्‍नई के निकट (एन्‍नौर में)
  • जामनगर, ओखा, पोरबंदर एवं बेरावल में से गुजरात का बंदरगाह कस्‍बा नहीं है – जामनगर
  • भारत का खुला सागरीय बंदरगाह है – चेन्‍नई
  • भारत का खुला सागरीय बंदरगाह है – चेन्‍नई
  • भारत में ‘बाह्य पत्‍तन’ का विशिष्‍ट उदाहरण है – हल्दिया
  • सार्वजनिक सीमित कंपनी के स्‍वामित्‍व वाला भारत का सर्वप्रथम विमानपत्‍तन है – कोचीन विमानपत्‍तन
  • दमन, जंजीरा, कराईकल एवं रत्‍नागिरी बंदरगाहों में से वह जो भारत के पश्चिमी तट पर स्थित नहीं है – कराईकल बंदरगाह
  • भारत का सबसे बड़ा जहाज तोड़ने का यार्ड में स्थित है – अलंग (गुजरात के भावनगर) में
  • वर्तमान मुंबई बंदरगाह के दबाव को कम करने के लिए जिस पत्‍तन का निर्माण किया गया, वह है – न्‍हावाशेवा (ज.ल.न. पत्‍तन)
  • वह राज्‍य जिसमें लंबे नौसंचालन चैनल द्वारासमुद्र से जोड़ें जाने के लिए एक कृत्रिम अंतर्देशीय बंदरगाह के निर्माण की संभावना का पता लगाया है – राजस्‍थान में
  • भारत में ‘गुलाबी नगरी’ कहते हैं – जयपुर को
  • भारत में ‘झीलों का नगर’ कहा जाता है – उदयपुर को
  • दक्षिण भारत के भगवान रंगनाथा (जिन्‍हें भगवान वेंकटेश भी कहते हैं), का मंदिर स्थित है – बिलिगिरि रंगा पहाड़ी पर
  • भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटनको प्रोत्‍साहित करने हेतु जिस अवधारणा को लोकप्रिय करने का उपयोग किया है, वह है – अतुल्‍य भारत
  • सबरीमाला स्थित है – केरल राज्‍य में
  • भारत के ध्‍वस्‍त नगरों (घोस्‍ट टाउन) में है – कुलधारा, धनुषकोडी एवं लखपत नगर
  • तीर्थस्‍थान एवं उनकी अवस्थिति – श्रीशैलम – नल्‍लमला प‍हाडि़यां, ओंकारेश्‍वर – मान्‍धाता पहाड़, पुष्‍कर – अरावली
  • वह संयंत्र जो शक्ति तथा खाद दोनों दे सकता है – बायोगैस संयंत्र
  • ‘कूरियर सेवा’ से प्रतिस्‍पर्धा के लिए भारतीय डाक विभाग ने ‘द्रुत डाक सेवा’ का आरंभ किया गया था – 1986में
  • विश्‍व का वह देश जो नाइट्रोजनी उर्वरक उत्‍पादक तथा उपभोक्‍ता के रूप में दूसरे स्‍ािान पर है – भारत
  • टिड्डियां भारत में प्रवेश करती है – पाकिस्‍तान से
  • सही सुमेलन है – श्रीहरिकोटा – आंध्रप्रदेश, थुम्‍बा – केरल, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर – मुंबई, पोखरन – राजस्‍थान
  • थुम्‍बा में विक्रम साराभाईअंतरिक्ष केंद्र की स्‍थापना के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण कारण है – थुम्‍बा का भू-चुम्‍बकीय विषुवत रेखा पर स्थित होना।
  • ‘दि हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्‍टीट्यूट’ स्थित है – दार्जिलिंग में
  • केयर्न (CAIRN) एनर्जी का मुख्‍यालय है – स्‍कॉटलैंड में
  • सही सुमेलन है – रामेश्‍वरम – तमिलनाडु, द्वारका – गुजरात, सारनाथ – उत्‍तरप्रदेश, महाकाल मंदिर – मध्‍यप्रदेश
  • डायमंड हार्बर तथा साल्‍ट लेक सिटी अवस्थित है – कोलकाता में
  • डिंडीगुल नाम है – तमिलनाडु में एक नेगर का
  • हरित राजमार्ग का लक्ष्‍य है – वृक्षारोपण
  • भारत में पीतल के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है – मुरादाबाद (उ.प्र.)
  • ‘जंगल महल’ कहलाने वाला क्षेत्र अवस्थित है – पश्चिम बंगाल में
  • भारत के प्रथम परमाणु रिएक्‍टर का नाम है – अप्‍सरा
  • भारतवर्ष में सर्वप्रथम दूरभाष का प्रादुर्भाव हुआ था – 1850 में
भारत में टेलीग्राफ सेवा सर्वप्रथम शुरू हुई थी – कलकत्‍ता और डायमंड हार्बर के मध्‍य